Ambedkarwad And Mool Niwasi Dalit Exposed – अम्बेडकरवाद. मूलनिवासी दलितों का पर्दाफाश

Ambedkarwad Information in Hindi

आपने सोशल मीडिया या किसी भी व्यक्ति से अम्बेडकरवादी विचारधारा वाले लोगो के बारे में जरूर सुना होंगा। ये अम्बेडकरवाद क्या है? इसकी शुरुआत किसने की? वर्तमान में इसका भारत देश पर और सनातन (हिन्दू) धर्म पर क्या प्रभाव पड़ रहा है इसी पर खुलकर अपने व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर चर्चा करेंगे। आप में से काफी लोगो को ये नाम सुनकर ही अच्छा लग रहा होंगा, की बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के विचार भले बुरे कैसे हो सकते है? वो तो भारत माता के सपूत थे, उन्होंने तो सभी दलितों और अनुसूचित जाति-जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगो के लिए बहुत अच्छा काम किया है तो फिर आप ये कैसे कह सकते हैं की अंबेडकरवाद गलत है? देखिए इस लेख में भीमराव अंबेडकर के बारे में कुछ भी गलत या अपशब्द नही बोले जा रहे हैं।  मैं तो, इनके विचारो का गलत उपयोग करके जो हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश चल रही है उस पर उन हिन्दू धर्म विरोधी लोगो की पोल खोलनी है। आज मूलनिवासी के नाम पर तथाकथित 100-200 व्यक्ति अपने पूर्वजों के धर्म को गाली देकर अपना घर चला रहे है | अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि ये लोग इस्लाम व ईसाइयत तथा बोद्धों के षड्यंत्रों का शिकार बनते जा रहे है | आज के दलित शुद्र नहीं, बहुत से दलित कर्म से ब्राह्मण है व बहुत से ब्राह्मण व क्षत्रिय शुद्र है | शुद्र कोई नीच नहीं है हिन्दू धर्म ग्रंथों में |  मैंने अर्थात विनोद वैष्णव ने अपना वर्ण शुद्र धारण किया है | वर्ण अर्थात अपने कर्तव्य चुनना | मैंने सेवा का कार्य चुना है अर्थात शुद्र कर्म | लेकिन आज के दलित ब्राह्मणों को, ब्राह्मण दलितों व क्षत्रियों को, क्षत्रिय ब्राह्मणों को आदि सभी एक दुसरे के विरुद्ध एक षड़यंत्र के तहत लड़ाए जाते है | सभी आर्य हिन्दू धर्मी अपने को संभाले व पुन भाईचारे का श्रेष्ठ उदहारण प्रस्तुत करें अन्यथा कट्टर इस्लामिक आतंकवादी व क्रूर अंग्रेज इसाई पुन चुन-चुन कर एक एक हिन्दू जाति के लोगों का कत्लेआम करेंगे।

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अम्बेडकरवादी लोग हिन्दू देवी देवताओं के बारे में क्या सोचते हैं?

जय भीम तक नारा तो ठीक था। मैं भी जब अपने गाँव में किसी दलित दोस्त से मिलता था तो अभिवादन के रूप में ‘जय भीम’ (Jai Bheem) का नारा लगाता था। लेकिन मुझे इस संघठन की सच्चाई तब पता चली जब मैं एक दलित के घर पर दो दिन रुका। और बातों ही बातों में उसने यह बिना किसी रीसर्च के सभी हिन्दू देवी- देवताओं को नकली घोषित कर दिया। हनुमानजी को नकली बता दिया, हमारी सभी नौ माता (नव दुर्गा) को नकली बता दिया। देखिए , एक हिन्दू होने के नाते मुझे भी पता है बिकाऊ मीडिया और पाश्चात्य देशो ने कई नकली देवताओं को प्रचारित-प्रसारित करवा दिया। लेकिन भगवान राम, कृष्ण और सनातन धर्म के प्रमुख देवता और सृष्टि के निर्माता भगवान विष्णु को नकली बता देना। ये मुझसे बर्दाश्त नही हुआ इसी कारण मुझे आज यह लेख लिखना पड़ रहा है। ये सब अज्ञान के कारण और मूर्ख लोगो से जुड़ने के कारण होता है।

अम्बेडकरवादी जय भीम वाले हिन्दू धर्म को छोड़कर बोद्ध धर्म को क्यों अपना रहे हैं?

आपने इंटरनेट पर हर दिन सैकड़ो ऐसे वीडियो देखें होंगे जिसमे यह बताया गया है की आज 1000 लोगो ने बौद्ध धर्म अपनाया। सैकड़ो दलितों ने हिन्दू धर्म को छोड़कर बोद्ध धर्म अपनाया। मेरा व्यक्तिगत अनुभव यह कहता है की हर अम्बेडकरवादी विचारधारा वाले लोगो के मन में कूट-कूट कर हिन्दू धर्म के प्रति नफरत भरी पड़ी है। आप उन्हें कुछ सत्य बात बताने की भी कोशिश करेंगे तो वे अपने घमंड में अपने विचारों से तस से मस नही होंगे। ऐसे लोग हर चीज को एक पहलू से देखते है। जबकी एक अच्छा इंसान और देशभक्त व्यक्ति हर चीज को दो पहलू से देखता है। यह मैंने दो अम्बेडकरवाद से पीड़ित लोगों पर अध्ययन करके पता लगाया है।

झूठा अम्बेडकरवाद कौन फैला रहा है?

जब उस दलित दोस्त के घर पर दो दिन रूका तो बहुत सारे सुराग हाथ लगे। जिनमें सबसे पहले यह हिन्दू धर्म के खिलाफ नफरत पैदा करने का काम ‘मूलनिवासी’ नामक पब्लिकेशन (Moolniwasi publication) कर रहा है। इस पुस्तक में बहुत सारी बाते अच्छी भी लिखी है लेकिन ब्राहाणवाद और बहुत सारी बाते यहाँ पर सनातन धर्म के खिलाफ है। इसके अलावा बहुत सी बातें तोड़-मरोड़ कर पेश की गई है। झूठा अम्बेडकरवाद फैलाने का दूसरा काम कुछ ‘Ambedkarwadi Whatsapp Group’ भी कर रहे हैं। इन व्हाट्सएप ग्रुप में पूरे दिन लेख, तस्वीरे और वीडियो तीनो सामग्री को मिलाकर पूरे दिन हिन्दू धर्म में क्या-क्या गलत चीजे, व्यक्ति, वस्तु, परम्परा, त्यौहार आदि पर लगातार दिखाया जाता है। इससे सच्चे हिन्दू भी अपने धर्म में फैली कुछ झूठी परम्परा जो दूसरे लोगो ने जबरन या चोरी-चुपके हमपर थोपी उसके कारण अपना हिन्दू धर्म छोड़ने पर विवश कर देते है।

ST, SC और दलित वर्ग को हिन्दू धर्म का वास्तविक ज्ञान नही हुआ तो अगले कुछ सालों में 20% हिन्दू आबादी कम होंगी

अब मैं आपको बिंदुओं के माध्यम से कुछ ऐसी बातें बताने वाला हूँ जिससे आप आज अम्बेडकरवाद को छोड़ देंगे और अपने सत्य सनातन धर्म से प्यार करेंगे। इसके अलावा कुछ ऐसी अफवाहे, भ्रांतियां व झूठी बातों को भी सबूतों व तथ्यों के साथ सुलझाने की कोशिश करूंगा।

#1.  सनातन धर्म में सिर्फ और सिर्फ राधा, साई बाबा और संतोषी माता नकली है बाकी सारे अवतारी पुरूष, ऋषि, त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश)
और साधु-संत असली है।

#2. हिन्दू नाम अंग्रेजों ने दिया लेकिन पुराना और वास्तविक हमारे धर्म का नाम सनातन धर्म और आर्य है। जिस धर्म के अंदर आप जाने वाले हैं उसके संस्थापक हिन्दू ही थे। और बौद्ध धर्म भी हिन्दू धर्म से ही निकला है।

#3. हमारे धर्म में संसार में मौजूद हर उस सजीव तथा निर्जीव वस्तु की पूजा होती है जो मानव शरीर एंव प्रकृति के लिए आवश्यक चीज है। उदाहरण के लिए सूर्य, हवा, पानी तथा पेड़।

#4. महाभारत और रामायणकाल के सारे सबूत अभी भी जिंदा है। रावण की लंका देखनी हो या सीता माता के पिता राजा जनक का महल तो श्रीलंका देश की यात्रा कीजिए। रामसेतु देखना है तो तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर में जाइये। रामायणकाल और महाभारत से जुड़े सभी स्थान आप इंटरनेट की सहायता से खोजकर वहाँ की यात्रा करके स्वयं पता लगा सकते हैं।

#5. अंतिम लेकिन महत्वपूर्ण पॉइंट यह है कि हिन्दू धर्म के वेद-शास्त्र, पुराण, मनुस्मृति जेसे बहुत सारे पौराणिक ग्रंथों में अंग्रेजो व मुगलो ने छेड़छाड़ की थी। यदि आप ओरिजिनल वेद-शास्त्र पढ़ना चाहते हैं तो स्वामी दयानंद सरस्वती जी के आर्य समाज द्वारा प्रकाशित पुस्तके पढ़िए। इसके अलावा आप दयानंद सरस्वती जी द्वारा लिखित ‘ सत्यार्थ प्रकाश ‘ पुस्तक पढ़िए। इसमें आपके जीवन की सारी समस्याओं का समाधान तो है ही साथ ही सनातन (हिन्दू) हिन्दू धर्म में क्या गलत है और क्या सही? इसका भी सम्पूर्ण ज्ञान इस पुस्तक में दिया गया है।

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FAQ सवाल जवाब

अम्बेडकरवाद क्या है?

दलित और पिछड़े वर्गों के लोगो का एक समूह जो डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों पर चलता है। इनके अनुसार बोद्ध धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है और हर चीज को इंसानियत की दृष्टि से देखो। लेकिन वर्तमान में बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के विचारों का गलत इस्तेमाल हिन्दू धर्म को बर्बाद करने में किया जा रहा है जिसमें कुछ अम्बेडकरवादी संगठन जिनमें मूलनिवासी दलित प्रमुख है वो हिन्दू धर्म के हर रीति-रिवाजों, संस्कृति और परम्परा को गलत साबित करने की कोशिश करते हैं। साथ ही एक जाति से दूसरी जाति के लोगो को आपस में लड़वाता है।

मूलनिवासी दलितो का इतिहास क्या है?

आज मूलनिवासी के नाम पर तथाकथित 100-200 व्यक्ति अपने पूर्वजों के धर्म को गाली देकर अपना घर चला रहे है। अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि ये लोग इस्लाम व ईसाइयत तथा बोद्धों के षड्यंत्रों का शिकार बनते जा रहे है | आज के दलित शुद्र नहीं, बहुत से दलित कर्म से ब्राह्मण है व बहुत से ब्राह्मण व क्षत्रिय शुद्र है | शुद्र कोई नीच नहीं है हिन्दू धर्म ग्रंथों में।

What is Ambedkarism?

A group of people from Dalit and Backward Classes who follow the thoughts of Dr. Bhimrao Ambedkar. According to them Buddhism is the best religion in the world and look at everything from the point of view of humanity.

अम्बेडकरवादी विचारधारा और समाज के बारे में जानकारी

इस विषय पर मेरा यही कहना है सभी बाबासाहेब को मानने वाले लोगो से आपके ऊपर जातिगत भेदभाव बहुत ज्यादा अतीत में मुगलो और अंग्रेजों द्वारा हुआ है और अभी भी इकीसवीं सदी में भी हो रहा है। तो इसमें किसी प्रकार की अपमान वाली भावना अपने मन में ना लाए। मेरे जैसे ऐसे करोड़ो हिन्दू भाई-बहन है जो दलित, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़े लोगो से किसी प्रकार का भेदभाव नही करते। फिर आप कुछ मूर्ख लोगो की वजह से या अनपढ़ लोगो के व्यवहार से क्यों अपना सत्य सनातन धर्म छोड़ते हैं? वैसे शहरो में तो जातिवाद खत्म हो गया है वहाँ पर कोई ऊंच-नीच नही है। बात आती है गांवो की तो आप कुछ ऐसा काम करिए, जीवन में इतनी शोहरत और नाम कमाइए की ऊंची जाति वाले भी आपको देखकर सेल्यूट मारे। आपके पैर छूने पर मजबूर हो जाए।

ambedkarism meaning in hindi
अम्बेडकररिज्म का हिंदी में अर्थ है अम्बेडकरवाद।

ambedkarwadi in english
Answer – ambedkarism

 

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