ब्रह्मचर्य के साधन पुस्तक (Imp Learning) | Gurukul Jhajjar Haryana

ब्रह्मचर्य के साधन पुस्तक pdf

#1. ब्रह्मूहर्त जागरण और ब्रह्मचर्य पालन ही जीवन का सबसे बड़ा रहस्य है इसको साधकर सबकुछ संभव किया जाता सकता है।

 

  1. अर्थवेद : जो सूर्योदय के पश्चात अथवा दिन में सोता है, उस सोनेवाले व्यक्ति के तेज को उदय होता सूर्य हर लेता है। (That is Only big Reason to Wake Up before sunrise)

 

#3. तेज, वर्चस, उस शक्ति या गुण का नाम है, जिसके कारण मनुष्य सब प्रकार की उन्नति करता है।हम थोड़े से आलस्य के कारण केवल प्रातःकाल न उठकर उन्नति के मूलतत्व को खोकर सर्वथा तेजहीन हो रहे हैं। 

 

#4. चक्षु स्नान (शुद्ध जल मुंह में भरो और दोनों आंखों में उस पानी से आंखों में छीटें मारो, इससे रात का सारा कचरा बाहर निकल जाता है) इस प्रकार यह क्रिया अंदर और बाहर दोनो और चक्षु इंद्रिय को ठंडक मिलती है। प्रतिदिन करने से बुढ़ापे तक नेत्रज्योति बनी रहती है।

 

#5. ईश्वरचिंतन, ईश्वउपासना इसी संध्या कहते हैं वेदों ने इसका बहुत गुणगान किया है ब्राह्मूहर्त और संध्या दोनो समय करे ध्यान लगाकर For Win All Life Sector & talk to God. 

 

#6. मल और मूत्र त्याग के कई नियम है;

(१.) शौच के समय जोर न लगाए, यह वीर्य को नष्ट करता है और मल स्वंय आ जावे इसके लिए प्राकृतिक भोजन करें।

(२.) सुबह उषापान करने के बाद भी मल त्यागने का मन नही हो तब भी कुछ समय के लिए बैठे, इससे मल की उष्णता कम होगी और अच्छा महसूस होगा।

(३.) मल- मूत्र तथा किसी भी वेग को नही रोके। पेट की सारी समस्या ही नेत्र रोग का संबंध है – सुश्रृतसंहिता। इसलिए उन सब चीजों / आदतों का त्याग करें जो कब्ज, एसिडीटी, उदर रोग के कारक है।

(४.) मलद्वार अधिक जल से साफ करें और इसकी शुद्धि के लिए गणेश क्रिया करे। (तर्जनी उंगली use kare) मूत्रमार्ग की शुद्धि भी हर बार पेशाब के बाद होनी चाहिए। 

 

#7. संसार में जितने भी रोग है उनकी उत्पति मल (टट्टी) के दूषित होने से होती है। उपरोक्त अरब रूपये के ज्ञान के आधार का निचोड़ यह निकलता है की लगातार एक माह से एक साल तक प्राकृतिक भोजन से सम्पूर्ण आरोग्य को प्राप्त किया जा सकता है।

 

#8. वीर्य के नाश होने से सबसे पहले बुद्धि का नाश होता है और बुद्धि के नाश होने से पूरे जीवन का नाश होता है। शरीर का सारा कार्य कुछ समय अवधि के दौरान बंद हो जाता है

 

#9. दांतो और स्वास्थ्य का बड़ा भारी संबंध है। If Your Teeth Healthy & Clean twice in everyday, you will get rid you Specs. प्रतिदिन सुबह और सोने से पहले अच्छी दातुन/मंजन करके दांतो को साफ करने से आंखे शुद्ध और निर्मल हो जाती है। चश्मे से आजादी के लिए इस नियम को दिनचर्या का अंग बनाना जरूरी है। डाबर लाल मंजन करो तब दोनों समय सरसों का तेल अवशय मिलाएं इससे स्वाद अच्छा आता है और अच्छे से मंजन करने का मन होता है।

 

#10. अखाड़ा (Indian Ancient Gym) शरीर को बलशाली और पुराने राजाओ जितना बल, पराक्रम और शौर्य हासिल करने का रहस्य है।

 

#11. वीर्य रक्षा के लिए, अपनी व दूसरों की प्राण रक्षा के लिए तैराकी (Swimming) जरूर सीखे।

 

#12. हर मौसम में ठंडा पानी से स्नान करें, तेज ठंड में भी गुनगुने पानी से स्नान करें। गृहस्थ और ब्रह्मचारी दोनो को सुबह और संध्या के समय स्नान करना चाहिए।

 

#13. स्नान की शास्त्रीय विधि – नलके का या नॉर्मल पानी सदैव पहला पानी सिर पर डाले और माथे को अच्छे से धोएं उसके बाद ही अन्य अंगों को रगड़ रगड़कर नहाए।

 

#14. नेत्र और बालों का संबंध है बाल हमेशा छोटे रखें। गर्मियों में भूल से भी बड़े बाल नही रखें। Sleeper के स्थान पर लकड़ी के खड़ाऊ चप्पल पहने (it Helps to Maintain Semen)

 

#15. बारिश में नहाए और वर्षाजल को साफ लोटे में इकठा करके पीए। 

 

#16. गायत्री मंत्र जप, संध्या के समय ॐ मंत्र का जप वो भी हिंदी अर्थ के समेत, संध्या (भगवान का ध्यान), होम (अग्निहोत्र) ये सब सिद्धिया प्रकृति का रहस्य है।

 

#17. गलत (दुष्ट) लोगों की संगति ब्रह्मचर्य और जीवन की उन्नति में बाधा बनती है अतः ऐसे लोगो को छोड़ देवे।  वेद भगवान ने कहा है अपने से श्रेष्ठ लोगो का संग करे। 

 

#18. चारों वेदों में All Secrets of Life है। इससे बाहर कुछ नही। (Buy Now)🧲🌐

 

#19. ब्रह्मचर्य की रक्षा के लिए सफेद नमक छोड़ना जरूरी है। ( सेंधा/काला ये भी 90% नकली है इसलिए सम्पूर्ण नमक त्याग सही सोच है) असली नमक भारत में है ही नही) चश्मे से छुटकारे के लिए इसको आज ही छोड़ो। नेत्र रोग व अन्य कई रोग इस सफेद नमक के सेवन का परिणाम है।

 

#20.  कुछ सब्जियां आयुर्वेद के अनुसार विष है इनको कभी ना खाएं जैसे – आलू, पत्तागोभी, फूलगोभी, बंदगोभी (इनको खाने से पेट से संबंधित कई बीमारियां होती है) और आँखों को बहुत हानि पहुँचती है। इसलिए इनका पूर्ण त्याग करें। अन्य आयुर्वेद शास्त्र पढ़े ताकि पता चलेगा क्या खाना है क्या नही।

 

#21. सभी प्रकार के नशे करने वाले  माता-पिता खुद का नाश तो करते ही है इनकी इस एक गलती के कारण अपनी संतान को बहुत सारे दुख भोगने पड़ते हैं। लेकिन आपको ऐसा कोई कार्य नही करना है, जिससे की आपकी संतान समझदार और बुद्विमान बनकर आपको गालियां निकाले।

 

#22. उत्तर (north) दिशा में सिर करके सोने के बहुत भयंकर नुकसान है। सदैव पूर्व और दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोए।

 

#23. शयनकाल में सोते समय ब्रह्मचारी को लंगोट में  ही सोना चाहिए। (Buy > learn > wear) जमीन पर ही सोना चाहिए (it’s three benefits)

 

#24.  हर आयुवर्ग का ब्रह्मचारी सदैव अकेला सोए (for Brahmachary & Bahut saare health fayde hai)

 

#25.  वायु (हवा) जितना मिले उतना थोड़ा। इसलिए सोना, खाना, कर्म सबकुछ प्रकृति की रोशनी और हवा में होना चाहिए। 

 

#26. वीर्य रक्षा के लिए सदैव दाई करवट लेकर ही सोए। खाना पचाने के लिए बायीं करवट। और उल्टा पेट के बल कभी नहीं सोना चाहिए। सीधा कभी ना सोए और छाती पर हाथ रखकर कभी ना सोए (its Big Science) 

 

#27. मेखला धारण (पहनकर) सोने से उपरोक्त सारी बातों का पालन होता है और यह ऋषियों की प्राचीन रिवाज था जिसको पालन नही करने से आंतो का बढ़ना, अंडकोश में वृद्वि और स्वप्नदोष जेसे रोग होते हैं। इसलिए मेखला अवश्य पहनकर सोए।

 

#28. सभी ब्रह्मचारी इच्छामृत्यु से मरते हैं प्राकृतिक मौत उनको नही आती। मृत्यु पर एक योगी और ब्रह्मचारी विजय प्राप्त कर लेता है। भारत के बालको और युवकों ऋषिवर दयानंद जी के पदचिन्हों पर चलो, वीर्य रक्षा के लिए मेखला धारण कर सच्चे मानव बनकर देवता बनने का प्रयास करो, इसी में सबका हित और कल्याण है।

 

वेद भगवान की जय

RELATED POSTS

हरियाणा के सभी जिलों के नाम

शास्त्रों के अनुसार दिनचर्या

Leave a Comment