अनामय आश्रम कौसानी उत्तराखंड | Anamay Ashram Kausani Uttrakhand

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हिमालय में एक ऐसी जगह जहाँ पर योग, ध्यान,
रहना, खाना, सबकुछ Free

इस आर्टिकल का इंट्रोडक्शन में ज्यादा विस्तार से नही देने वाला क्योंकि इस लेख को पढ़ने में आपको 3 से 4 घण्टे का समय लगेगा। ये पोस्ट भारत के उन सभी युवाओं और लोगों को समर्पित है। जो जीवन के असली सुख की तलाश में है। जो अपने जीवन में किसी ना किसी समस्या से उलझे हुए हैं, परिवार से परेशान हैं, मानसिक स्वास्थ्य अच्छा नही है, खालीपन, अकेलापन, निराशा में डूबे हुए लोगों के लिए मैं इस पोस्ट को लिख रहा हूँ। अनामय वैदिक आश्रम कौसानी उत्तराखंड एक भारत में जंगलो में छिपा हुआ एक ऐसा स्थान है जहाँ पर कुछ दिन गुजारने पर आपको स्वर्ग का अहसास होंगा। जंगलों में पूरे दिन पंछियों की आवाज को सुनना, नए-नए पक्षियों को देखना, प्रकृति की सुंदरता को निहारना, दो समय शुद्ध सात्विक और पौष्टिक भोजन, प्लांट बेस्ड फ़ूड खाने की आजादी, ध्यान एंव योग, सुबह एंव सांध्यकालीन आरती, गुरुकुल में पूरे दिन वैदिक मंत्रोच्चारण को सुनना, हर दिन नए-नए देशों के लोगो से मिलना ये सब Anamay Ashram Uttarakhand में ही सम्भव है। वो भी बिना एक रुपया खर्च किए।

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i’m living my dream life (इसी आश्रम में, मैं अपने सपनों की जिंदगी जी रहा हूँ)

Anamay Ashram आने से पहले इन बातों का ध्यान रखें

इस पैराग्राफ में बताई गई सारी बातों को अच्छे से एक रफ पेपर पर लिखने से आपको आश्रम आने में किसी प्रकार की परेशानी नही होंगी।

१.) संध्याकाल (evening) 6 बजे से पहले आने की कोशिश करें। क्योंकि अनामय आश्रम पूरा जंगल में, यदि अकेले आ गए, तो आपके साथ कुछ भी होता है तो उसके जिम्मेदार आप है। दोपहर को या सुबह 7 बजे के बाद कोई भी Ashram Volunteer आपको लेने आ जाएगा। लेकिन रात को कोई भी नही आयेगा। ऐसे में आपको आने में देरी हो जाती हैं तो आप काठगोदाम, हल्दवानी या अल्मोड़ा रात वही रूक जाए एंव सुबह जल्दी उठकर आश्रम के लिए रवाना हो जाए। सुबह एंव दोपहर को रास्ते में आपको गांव वाले भी दिख जाएगे जिससे आपको आश्रम पहुँचने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

२.) साथ में सरकारी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पेनकार्ड, पहचान पत्र, वोटर आईडी जरूर लेकर जाए।

३.) दिसम्बर और जनवरी महीने में भूल से ना आए, क्योंकि इस समय हद से ज्यादा ठंडी होती है। सर्द हवाएं आपको बीमार कर सकती है। मैं फरवरी में आया, तब भी ठंड का प्रकोप जारी था।

४.) आश्रम के बाहर पहुँचते ही मैनेजर या स्वामी जी को कॉल कर दे, वे किसी Volunteer को आपकी मदद के लिए भेज देंगे। वैसे गांव वाले लोग आपको रास्ता बता देंगे।

६.) मांस, मदिरा, अंडा, सिगरेट, तम्बाकू, नॉनवेज पूर्ण रूप से वर्जित है। यदि आप इनका सेवन करते पकड़े गए तो स्वामी जी आपको उसी समय मुँह पर बोल देंगे की अपना बैग पैक करो और अभी अपने घर जाओ।

सात दिवसीय शिविर दिनचर्या (Anamay Ashram 7 days Shivir Daily Routine)

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सात दिन के इस शिविर में आपको योग एंव भावातीत ध्यान (transcendental meditation) के साथ बहुत सी जीवन उपयोगी बातें सीखने को मिलेंगी।

1. सुबह सात बजे टीसीसी भवन (TCC Hall) में योग शिक्षक आपको योग करवाएगें।

2.  योग के बाद सुबह आठ बजे तक आपको मेडिटेशन करना है।

3. उसके बाद गुरुजी आएंगे और आपसे हर दिन एक फॉर्म भरवाया जायेगा। जिसमें आपका उस दिन का ट्रांसडेंटल मेडिटेशन का क्या अनुभव रहाज़ उसको Yes or No में जवाब देना है। उदाहरण के लिए सवाल पूछा जाएगा की  “भावातीत ध्यान करते समय कुछ सेकेंड के लिए आप विचारों से मुक्त हो गए थे?

4. फिर 8:30 Am to 9 Am ये आपका नास्ता का समय है।

5. उसके बाद 9:30 से 11:50 बजे तक ज्योतिष की कक्षा चलेंगी।  ज्योतिष (Astrology) क्लास में आपको सीखाया जाएगा, की कैसे ग्रह, नक्षत्र, राशि, कुंडली ये सब आपके जीवन पर असर ड़ालते है।

6. दोपहर 12 बजे से 1:20 PM  तक सुबह का भोजन (Lunch) और आराम।

7. डेढ़ बजे से साढ़े चार बजे तक डॉक्टर गुंजन और आशुतोष गुरुजी आयुर्वेद की क्लास लेंगे। जिसमे आपको बहुत अमूल्य स्वास्थ्य ज्ञान मिलेगा।

8. फिर आपका काढ़े (हर्बल टी) टाइम चायकाल का समय हो जाएगा।

9. उसके बाद 4:30 से 5:50 PM बजे तक वास्तु शास्त्र की कक्षा चलेंगी।

10. संध्याकाल 6 बजे से 7 बजे तक योग एंव ट्रांसडेंटल मेडिटेशन चलेगा।

11. फिर 7:10 पर मेडिटेशन हॉल में आरती होती है उसको अटेंड करके सीधे रात्रिभोज के लिए प्रस्थान करें।

12.  भोजन करके, एक गिलास गाय का दूध पीकर स्वामी जी के मैन ऑफिस में जाइए और दिमाग को हिला देने वाले वीडियो, बढ़िया गद्देदार सोफासेट पर बैठकर गुरुजी के साथ बैठकर अच्छी वीडियो का आनंद ले।

13. सबसे लास्ट वाली क्लास कभी-कभार 9:30 या दस बजे तक भी चल सकती है। ये होते ही सो जाए क्योंकि कल फिर सुबह जल्दी उठकर इसी दिनचर्या को फॉलो करना है। सुबह 7 से 9 बजे तक आप इस शिविर की गतिविधियां के अलावा अन्य कोई काम नही कर सकते। हां, फोन चलाने का तो समय मिलता है।

शिविर की फीस कितनी है? (Shivir Registration feec / charges)

आपके मन में यह सवाल चल रहा होंगा की
शिविर रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन होंगा या फिर वही आश्रम में आकर Shivir Registration feec देनी होंगी? इसका सरल उत्तर है मात्र 3,500/- रूपये। ये ₹3500/- ($43) कैश भी दे सकते हैं और ऑनलाइन पेमेंट करके उनसे बात भी कर सकते हैं। मैंने तो अपना पेमेंट Cash दिया था। अब आपको जो अच्छा लगे वो कर सकते हैं। आगे आशुतोष गुरुजी का मैसेज पढ़े जो मुझे ईमेल किया था।

अनामय आश्रम
स्वयंसेवक के लिए विशेष अवसर

आवेदक
भावातीत ध्यान (ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन) (टीएम) में 1-सप्ताह आनंद लें

अनामय आश्रम के प्रिय आवेदकों,

हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जिन्होंने अनामय आश्रम में स्वयंसेवकों के रूप में हमसे जुड़ने में रुचि दिखाई है।

आप सभी ने जो जबरदस्त रूचि दिखाई है, उसके लिए हम सभी का विनम्रतापूर्वक धन्यवाद करते हैं ।  आप में से 1000 से अधिक लोगों ने फोन, व्हाट्सएप, एसएमएस या ईमेल द्वारा हमसे संपर्क कर प्रतिक्रिया दी है।  हम अधिक से अधिक  लोगों को समायोजित करने के इच्छुक हैं।  परन्तु हमारा केवल 6 एकड़ और 38 कमरों का एक छोटा सा आश्रम है,  और इस कारण से मौजूदा क्षमता से अधिक समायोजित नहीं कर सकते हैं।

फिर भी, हम सभी को एक अवसर देना चाहते हैं।  इसलिए, हम एक सप्ताह की अवधि के एक विशेष कार्यक्रम की घोषणा कर रहे हैं, जिसका कुल शुल्क 3,500 रुपये है, इसमें रहने-खाने की सभी व्यवस्थाएं शामिल हैं।  पाठ्यक्रम का विवरण इस प्रकार है:

सप्ताह का कार्यक्रम: भावातीत ध्यान ( ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन), आयुर्वेद और महर्षि वैदिक विज्ञान सीखें

इस सप्ताह के दौरान प्रतिभागी भावातीत ध्यान  तकनीक, योग, आयुर्वेद के मूल सिद्धांत, वैदिक विज्ञान का सामान्य परिचय, वास्तु शास्त्र आदि  सीखेंगे तथा मुफ्त ज्योतिष परामर्श पायेंगे। यह 1 सप्ताह का कार्यक्रम आपको मूल आध्यात्मिक विषयों पर चर्चा करने, अभ्यास करने और समझने का अवसर देगा।  यदि जो  आप पढ़ रहे हैं वह आपको पसंद आ रहा है, तो आपके पास इसे और आगे ले जाने का अवसर है। योग्य उम्मीदवारों (अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य वाले लोगों) के लिए, या तो भावातीत ध्यान के शिक्षक के रूप में प्रशिक्षित होने या स्वैच्छिक जीवन-काल समर्पण कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर होगा।

योग्य आवेदकों के लिए अनामय आश्रम द्वारा प्रस्तावित 1-सप्ताह के कार्यक्रम के सफल समापन के बाद, अंतर्राष्ट्रीय टीएम संगठन जो हमारे एक सहयोगी संगठन हैं,  इनके सहयोग से भारत में दो दीर्घकालिक अवसर प्राप्त होंगे।

अनामय आश्रम कैसे जाए? (How to reach anamay ashram)

गांव – कौसानी, जिला – बागेश्वर, नजदीकी शहर अल्मोड़ा। नजदीकी रेलवे स्टेशन काठगोदाम (KGM) रानीखेत एक्सप्रेस के जरिए आप रेल से पहुँच सकते हैं। फ्लाइट से आने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर घरेलू हवाई अड्डा मौजूद हैं। काठगोदाम, हल्दवानी, अल्मोड़ा या पंतनगर शहर पहुँचने के बाद आप shared taxi किराए पर बुक करके 4 से 5 घण्टे के सफर में अनामय आश्रम पहुँच जाएंगे। कैब का किराया ₹200 से 350 रुपये होंगा। यदि आप पर्सनल बुक करके आते है तो ₹500 से ₹2000/- का खर्चा आ सकता है। अल्मोड़ा से कौसानी का बस का किराया ₹110/- है। काठगोदाम शहर से अल्मोड़ा का टेक्सी कार किराया ₹300 है।

Online Shivir Registration Details

जो लोग इस विशेष 1 सप्ताह के कार्यक्रम में भाग लेने के इच्छुक हैं, कृपया अपने व्यक्तिगत विवरण के साथ ईमेल ([email protected]) या व्हाट्सएप 9917248154 द्वारा इसका उत्तर दें:
नाम,
जन्म की तारीख,
जन्म का समय,
जन्म स्थान
पूरा पता
फ़ोन नंबर
ईमेल

ये सब जानकारी भेजने के साथ ऑनलाइन पेमेंट जो आपने किया उसकी Payment receipt भी ऑनलाइन सेंड कर दीजिए और उसकी फोटोकॉपी अपने साथ रखिए। जब आश्रम जाओ तब दिखाने के लिए काम आएगा वो ज़ेरॉक्स।

पुस्तकालय 3 types of libraries available in Anamay Ashram.

आत्मसुधार (self hel), प्रेरणादायक, मोटिवेशनल, महान लोगो का जीवन परिचय, बेस्ट सेलिंग बुक्स, सनातन धर्म के सभी नए व पुराने शास्त्र (Books) आप अनामय आश्रम की इन चार पुस्तकालय में पढ़ सकते हैं।

  1. छोटे किचन की लाइब्रेरी
  2. किचन वाशरूम गैलेरी
  3. गुरुदेव स्वामी जी रूम
  4. मेडिटेशन हॉल

【नोट】⇒  किताबें 5000 से भी अधिक संख्या में हिंदी एंव अंग्रेजी में उपलब्ध हैं सभी आपके लिए निशुल्क है। आप पढ़कर वापस जहाँ से ली वहीं रख दे। उपरोक्त बताए गए वो स्थान है जहाँ आपको सभी किताबे मिलेगी।  Meditation Hall में सनातन धर्म के सभी वेद, शास्त्र, पुराण, महर्षि महेश योगी का जीवन परिचय व अन्य धार्मिक ग्रंथ पढ़ सकते हैं। Dining Hall में दिमाग को खोल देने वाली इंग्लिश पुस्तकें पढ़ सकते हैं। आशुतोष गुरुजी के रूम में  Conspiracy theories और वैदिक साहित्य  से जुड़ी किताबें पढ़ सकते हैं।

अनामय आश्रम में सेवा देने वाले Volunteer कहाँ पर रहते हैं?

अनामय आश्रम में सेवा देने वाले सभी Volunteers आचार्य भवन में रहते हैं। इस भवन का नाम आचार्य भवन  इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें गुरुकुल में बच्चों को पढ़ाने वाले टीचर (Aacharya) भी रहते हैं। ये आवासीय परिसर चार मंजिला है जिसमें पहले फ्लोर में सीनियर वोल्युनटर रहते हैं जो पिछले 3 से 5 सालो से अपनी सेवा दे रहे हैं। वही दूसरे एंव तीसरे फ्लोर में नए वोलुण्टर रहते हैं। और सबसे नींचे (Ground floor) में गुरुकुल के सभी आचार्य रहते हैं। सच बात बोलू तो जो आवासीय सुविधा ‘अनामय वैदिक आश्रम कौसानी उत्तराखंड’ में Volunteers को दी जाती है शायद ही भारत में कोई ऐसा Ashram होंगा। मेरे मुताबिक, मैं जिस रूम में ठहरा था, उसकी कीमत प्रतिदिन ₹700 है। जहां एक कमरे में दो से तीन वोलुण्टर रहते थे, और एक वाशरूम (बाथरूम) रूम के अंदर ही बना हुआ है। इसके अलावा एक टेबल, कुर्सी, सोफासेट, अलमारी, कचरापात्र, समान रखने के लिए एक और अच्छा टेबल, पीने का गर्म पानी करने के लिए एक डिवाइस!!

वाह क्या जिंदगी है , मजा आ गया, ये फिलिंग आपको भी एकदिन आयेगी। यदि आप शिविर करके कुछ दिन Volunteering करते हो।

अनामय आश्रम में Volunteer को क्या सुविधाएं मिलती हैं? (वोल्यूण्टर बनने के फायदे)

अनामय आश्रम में Volunteer बनने के बहुत सारे फ़ायदे है कुछ volunteer benefits तो आपकी कल्पना से परे हैं। मैं वादा कर सकता हूँ की इस पैराग्राफ को पढ़ने के बाद, आप अभी अपना बैग तैयार (बेकपैकिंग) कर लेंगे। समयदान, सेवक और सेवा देने वाले तीनों को अंग्रेजी में वोल्यूण्टर कहते हैं इसलिए आप समझ ले क्योंकि तीनों शब्द इस लेख में, मैं बार-बार उपयोग करूँगा।

[१]. सुबह नाश्ते में फलाहार और अन्य पकवान

सभी समयदान करने वाले लोगों को (वोल्यूण्टर) 4 से 5 प्रकार के फल दिए जाते हैं। फल आप जितना खाना चाहे उतना खुद के हाथ से ले सकते हैं। फ्रूट्स में केला और पपीता तो आपको हर दिन खाने को मिलेगा। इसके अलावा जितने भी उत्तराखंड में या कौसानी के आसपास क्षेत्र में मौसमी फल आते हैं वो आपको दिए जायेंगे। फलों (fruits) के अलावा हर दिन एक नई डिश और बनती है, जिसे आप पेट भरकर खा सकते हैं। जैसे;- सप्ताह में एकबार रामदाना अनाज और सूजी को मिक्स करके हलवा बनता है जो मेरा सबसे पसंदीदा ब्रेकफास्ट है, सप्ताह में एकबार इडली और सांभर बनता है, पोहा, खिचड़ी, पुलाव जैसे आसानी से पचने वाले हेल्दी नाश्ता मिलता है।

[२]. सुबह का इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा

इसे आप आयुर्वेदिक काढ़ा बोलो या हर्बल टी, सुबह 6 बजे केतली भरी हुई छोटे किचन डाइनिंग हॉल में मिल जाएगी। आप जितना पीना चाहो उतना पी सकते हैं। लेकिन मैं हर रोज एक गिलास पीकर ऊपर योगा छत पर Pull Up exercise करता था। ‘था’ शब्द इसलिए यूज कर रहा हूँ क्योंकि मैं अपने जीवन लक्ष्य को हासिल करने तक ही आश्रम में हूँ। उसके बाद विदाई ले लेंगे। वैसे अगस्त, सितम्बर 2023 तक मैं इधर ही हूँ, आप मुझसे मिल सकते हैं। आचार्य निवास कमर नम्बर 512 में आकर मुझसे मुलाकात कर सकते हैं।

[३]. योग करने के लिए योगा छत

किचन के ऊपर भी बहुत सारे रूम बने हुए हैं जिनमें गेस्ट ठहरते हैं। इस बिल्डिंग के सबसे ऊपर छत पर एक छत बनी हुई है। जहां पर बहुत सारी योगामेट रखी गई है, इसके अलावा आपको यहाँ पर योग करने का एक अलग ही आनंद आएगा। इसके साथ ही आपको अमीरी वाली फिलिंग भी आयेगी। क्योंकि जो कुछ भी आप इस योगा छत पर देखेंगे वो अनुभव सिर्फ अमीर लोग ही ले पाते हैं। आप इसी व्यू पॉइंट से हिमालय को देखकर वहाँ पर रखें गए महंगे-महंगे सोफासेट पर बैठकर ध्यान (Meditation) कर सकते हैं। एक्सरसाइज के लिए पुलअप लगा हुआ है जिसके रोज एक से दो राउंड करने से आपकी भुजाएं (मसल्स) मजबूत बनती है। यही नहीं, यहाँ से आप कौसानी गांव की पूरी खूबसूरती आनंद भी ले सकते हैं। हरे-हरे घुमावदार खेत,  सेकड़ो प्रजातियों के पक्षियों की आवाज, सूर्योदय की धूप का आनंद ये सबकुछ आपको इतनी खुशी देंगा। जो अमूल्य (Priceless) है। धन्यवाद, धन्यवाद, धन्यवाद!

[४]. आराम करने के लिए लक्जरी सोफासेट और कुर्सिया

आप काम से थक गए हो या केवल ऐसे ही कुछ देर बैठने के लिए जगह ढूढ़ रहे हो तो आपको आश्रमके हर कोने में, हर कमरे में, हर आंगन में शानदार आलीशान सोफासेट और कुर्सियां (Chair) रखी गई है।  पूरे आश्रम में 30 से 50 लाख का फर्नीचर का सामान ही है।

[५].  शुद्ध सात्विक और पौष्टिक लंच और डिनर

हर दिन सुबह 12 बजे से 1 बजे तक सुबह का भोजन करने का समय है। जिसमें रोटी और चावल तो डेली बनता है। रोटी तीन प्रकार के अनाज से बनती है – काला गेंहू, कंगना और रागी जो मोटे अनाज की श्रेणी में आते हैं। चावल बासमती ऑर्गेनिक होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे है।  हर दिन दाल भी बनती है और दो अन्य सब्जियां। सब्जियाँ जो भी मौसमी होती है वो ही बनती है। मतलब आयुर्वेद के नियमों का कट्टरता से पालन किया जाता है। कभी-कभार सप्ताह में एकबार सलाद भी मिलता है। वैसे यदि आप खाने से पहले सलाद खाना चाहते हैं तो आप छोटे या बड़े किचन में जाकर शेफ से बात करके टमाटर, मटर, गाजर, मूली, खीरा ककड़ी आदि मांग सकते हैं। इसके अलावा आपको हर दिन लंच में एक गिलास उत्तराखंड नस्ल की गौमाता से प्राप्त एक गिलास छाछ (मट्ठा) भी मिलेगा। छाछ आश्रम में बनी गोशाला से ही लायी जाती है। अब बात करते हैं रात्रिभोज में क्या मिलता है? चावल और रोटी के साथ एक नई सब्जी बनाई जाती है। कभी-कभार काले गेंहू और गुड़ के साथ खीर बनाई जाती है। इसके अलावा खिचड़ी और अन्य स्वादिष्ट व्यजंन त्यौहार के अनुसार शाम को आपको खाने को मिलेंगे। भोजन के बाद आपको एक गिलास गाय का दूध किचन से या गुरुजी के रूम से मिलेगा। दूध भी भारतीय वैदिक गाय का जो पूरे दिन आश्रम में चरती है एंव उसे कई प्रकार की औषधिया एंव अच्छा चारा, पेड़ो के पत्ते एंव ऑर्गेनिक पशुआहार खिलाया जाता है।

[६]. कपड़े धोने की जरूरत नहीं

आपके कपड़े आश्रम के लानड्री रूम में धुलेंगे। मतलब आपको खुद के हाथ से कपड़े धोने की आवश्यकता नही है। आश्रम में रहने वाले सभी लोगो के मैले कपड़े हर दिन बड़ी-बड़ी वाशिंग मशीन में धुलते हैं। यह पहल गुरुजी की थी। अगर सभी लोग अपने-अपने कपड़े खुद धोते तो बहुत ज्यादा पानी वेस्ट होता और साबुन एंव डिटर्जेंट पाउडर भी ज्यादा इस्तेमाल होता। जबकि आश्रम से निकलने वाला सारा पानी एसटीपी (STP) प्लांट में जाता है। मतलब गंदा केमिकल वाला सारा पानी साफ होकर जमीन में जाता है जिससे धरती दूषित नही होती। और एक बात जो मुझे सबसे अच्छी लगी वो ये, की कपड़े बोरिक एसिड, रीठा (सोपनट) नेचुरल पाउडर से धुलते है। क्या बात है, ये सब देखकर दिल खुश हो गया!! आज ही योगा छत पर कपड़े सूखाकर आया हूँ। बोरिक एसिड और रीठा Soap Nut के अलावा एक नेचुरल केमिकल और है जो कपड़े धोने में डाला जाता है उसका नाम भूल गया।

आश्रम के अनुभवी Volunteer और मुख्य लोग

संजय जी – ये आश्रम के मैनेजर है। इनकी देखरेख में ही पूरा काम चलता है। शिविर के लोगो के लिए व्यवस्था करना, आश्रम के सभी काम को देखना, Volunteers को काम देना इत्यादि।

रेखा मैम – रेखाजी पहले UNESCO संगठन में काम करती थी। अभी वे पूर्ण रूप से अनामय आश्रम में सेवा देती है और जितने भी नए लोग शिविर के लिए आते हैं उनसे बात करती है और गुरुकुल के बड़े बच्चो को ज्ञानवर्धक बातें सीखती है।

अनुज भाई –  अनुज सभी शिविरार्थियों को योग सीखाते है। इन्होंने देहरादून योगा यूनिवर्सिटी से कोर्स भी किया है।

साकेत भाई – साकेतजी आश्रम के महत्वपूर्ण कार्यों को करते हैं जैसे;  वोल्यूनटर व्हाट्सएप ग्रुप में डेली अपडेट डालना, बाहर से कार के द्वारा कोई सामान लाना, इंटरनेट WiFi को मैनेज करना एंव आश्रम के टेक्निकल काम।

मिथुन जी – वीडियो एडिटिंग का काम करते हैं।

विवेक त्रिपाठी – मेडिटेशन सीखाते है।

रामानुजाचार्य – ये आप आश्रम में चलने वाले सभी महत्वपूर्ण अंग्रेजी वीडियो का english to hindi translate अनुवादन का कार्य करते हैं।

दीपा जी – दीपाजी गौशाला की मैनेजर है गौशाला का सारा कामकाज ये ही संभालती है।

कैलाश भाई – पंचकर्म (Panchkarma) में काम करते हैं।

सौरभ भाई –  गेस्ट को लेकर आने से छोड़ने तक और आश्रम का महत्वपूर्ण कार्य संभालते थे। भविष्य में आश्रम में ही जीवनदान देने की योजना है। लगभग 7 महीने से अधिक समय आश्रम में व्यतीत करने के बाद उनको आश्रम के आसपास के खूबसूरत क्षेत्रों को छोड़ने का मन नही कर रहा था। लेकिन प्रोफेशनल लाइफ और परिवार की जिम्मेदारी के कारण इनको 19 मार्च 2023 को आश्रम से विदाई लेनी पड़ी।

कुलदीप वेद्य जी – कुलदीप जी पंचकर्म को मैनेज करते हैं। Panchkarma का गहरा ज्ञान रखते हैं। इसके अलावा कुलदीप वेद्य जी आश्रम में वृक्षारोपण करना,  वोल्यूनटर को काम देना और आयुर्वेदिक चिकित्सा करते हैं

डॉक्टर गुंजन – Doctor Gunjan कुलदीप वेद्य जी की धर्मपत्नी (wife) है।  इनका मुख्य कार्य पंचकर्म करवाने आयी हुई महिला मरीजो की चिकित्सा करना हैं। डॉक्टर गुंजन को आयुर्वेद का गहरा ज्ञान है। इनसे मुझे स्वास्थ्य के बारे में बहुत कुछ नया सीखने को मिला।

नंदन भाई – बड़े किचन के मैनेजर है। जब भी मुझे दोपहर 3 बजे के बाद भूख लगती है तो नंदन भाई के पास जाकर कुछ सुबह का बचा हुआ नास्ता या भोजन कर लेता हूँ या फिर कच्ची सब्जी (सलाद) खा लेता हूँ।

अभिराम जी –  छोटे एंव बड़े किचन के शेफ। कुकिंग की शुरुआत 1989 महर्षि नगर नोएडा से की। 1996 में नीदरलैंड में 5 साल As A Vedic Chef काम किया। उसके बाद यूक्रेन में 6 महीने कार्य किया। उसके बाद अमेरिका में 10 साल कुकिंग काम किया, जिसमें शिकागो, केलिफोर्निया, सेन फ्रांसिस्को जेसे बड़े शहर शामिल हैं। अभिराम जी को कुकिंग में इटालियन, साउथ इंडियन, कॉन्टिनेंटल (वेस्टर्न फ़ूड) बनाना आता है। ज्यादातर समय उन्होंने विदेशीयों (यूरोपियन) लोगो के साथ बिताया।

मेरे साथ Volunteering करने वाले Volunteer के नाम

इन सभी मेरे भाईयो एंव मित्रो के प्रति में कृतज्ञ हूँ, जिन्होंने मुझे बहुत सारे Unique Travel experience करवाए।

  • सार्थक भाई मुम्बई
  • तनु तंवर रोहतक हरियाणा
  • अंकित भाई भुवनेश्वर उड़ीसा
  • राहुल भाई केरल
  • दीपक इंदौर
  • अमित कोलकाता
  • मेहुल जी गुजरात
  • प्रदीप जी कोटा
  • सौरभ भाई जयपुर
  • आयुष नोएडा
  • ज्योतिष नेपाल
  • हरिओम लुधियाना पंजाब
  • सौवीक भाई पश्चिम बंगाल
  • विकी भाई हैदराबाद
  • रानिया इजिप्ट (Egypt) देश से
  • ऐना मॉरीशस देश से
  • सुशील मथुरा
  • पंचानंदजी (Pure South Indian Man)

TTC हॉल में क्या गतिविधियां संचालित होती है?

मेडिटेशन हॉल के नीचे ही कुछ दूरी पर आश्रम का टिटिसी भवन बना हुआ है। जिसमें शिविर में हिस्सा लेने वाले लोग योग एंव ध्यान करते हैं। और हमारे समयदानी भाई कभी भी फ्री टाइम मिल जाता है तो गपशप करते हैं। और मेरे जैसे लोग थोड़ी देर चेतनासन करके कुछ क्रियाशील काम करते हैं। गुरुकुल के एक बालक शिवम से मैने पूछा की इस भवन को TTC हॉल क्यों कहते हैं? तब उसने बताया की यहाँ पर एक समय Teacher Training Program हुआ था। इसलिए इसका नाम टीटीसी हॉल पड़ा।

 गौशाला

अनामय आश्रम कौसानी में 20 से 30 भारतीय गौमाता है। सभी गाय उत्तराखंड राज्य की है। यहाँ पर आपको  देवभूमि उत्तराखंड की गौमाता के दर्शन होंगे। गोशाला में कुल 7 लोग काम करते हैं। गौशाला प्रबंधक दीपाजी ने अपनी पूरी संपति अनामय आश्रम के नाम कर दी। इसके अलावा वे अपनी तनख्वाह से आश्रम में अतिथियों के ठहराव के लिए एक नया भवन भी बना रही है। दीपाजी जेसी महिलाओं को मेरा सैल्यूट है। जो अपना पैसा नेक (अच्छे) कार्य में लगाया। इसी गौशाला से आश्रम के लिए सुबह-शाम रोटी पर लगाने के लिए घी, छाछ, दूध आदि पंचगव्य उत्पाद लिये जाते हैं।

वैदिक विद्यापीठ (गुरुकुल)

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कौसानी गुरुकुल वैदिक विद्यापीठ का निर्माण
अनामय आश्रम उत्तराखंड के संस्थापक आशुतोष उर्स स्ट्रोबल (गुरुदेव) ने करवाया था। यहाँ पर पढ़ने वाले बच्चों को ठीक उसी प्रकार शिक्षा दी जाती है जिस प्रकार वैदिक भारतवर्ष में दी जाती थी। यहाँ पर बच्चो को हिंदी एंव संस्कृत पर ज्यादा जोर दिया जाता है।  वैदिक विद्यापीठ अनामय आश्रम के अंदर ही बना हुआ है आप प्रतिदिन गुरुकुल की सारी गतिविधियों को वोलुण्टीरिग करते-करते देख सकते हैं। और As a Guest और Visitors भी कुछ दिन रूककर आराम से सभी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं। मुझे सबसे बड़ा फायदा यह हुआ की सनातन धर्म के सारे शास्त्र, उपनिषद और पुराण एक ही जगह पर हिंदी भाषा में मिल गए। गुरुकुल के काफी सारे बच्चो से मेरी दोस्ती हो गई है।

यह भी पढ़े ⇒ भारत के टॉप 10 वैदिक गुरुकुल

पार्किग (एक जगह का नाम)

आश्रम से ट्रैकिंग करते हुए सभी Volunteer सप्ताह में दो बार ऊपर सब्जी लेने जाते हैं। ज्यादा सब्जी और फल होते हैं तो दो राउंड मारने पडते है। कुल डिस्टेंस 1 किलोमीटर ऊपर जाना और एक किलोमीटर वापस आना। लेकिन इस काम में आपके पूरे शरीर का शारिरिक विकास हो जाता है। इसके अलावा आपके कंधे भी मजबूत होते है। Parking से सब्जी लाना सबसे कठिन काम होता है लेकिन जंगल में पैदल चलकर सब्जी लाना एक अलग ही अनुभव होता है।

पंचकर्म सेंटर (anamay vedic retreat)

Anamay ashram panchkarma centre kausani में आप अपने पूरे शरीर का कायाकल्प करवा सकते हैं। बॉडी मसाज, नत्स्य,  शिरोधारा और अन्य सभी आयुवेर्दिक चिकित्सा का इलाज आप करवा सकते हैं। ₹500 से लेकर ₹30,000/- तक के treatment उपलब्ध हैं। जितने ज्यादा दिन लोंगे उतना खर्चा बढ़ जायेगा और दो या तीन दिन का उपचार करवाएंगे तो सस्ते में हो जाएगा। आप चाहे तो कोई भी एक सिंगल चिकित्सा पद्ति भी करवा सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए anamayresort.com/ साइट विजिट करें। ये पंचकर्म सेंटर छोटे किचन के नीचे ही बना हुआ है। मतलब एक बात आप अच्छे से समझ लीजिए। इस पोस्ट में बताए गए सारे स्थान आश्रम के अंदर ही बने हुए हैं आपको कहि भी बाहर जाने की आवश्यकता नही है।

भावातीत ध्यान क्या है और कैसे करें? (Transcendental meditation in Hindi)

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भावातीत ध्यान (bhavatit dhyan) मेडिटेशन का एक प्रकार है जिसकी खोज भारत के प्रसिद्ध आध्यात्मिक संत महर्षि महेश योगी ने की थी। भावातीत ध्यान को english में ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन कहते हैं। इसको करने की विधि जाने; ये स्टेप बाय स्टेप चरण आशुतोष गुरुजी ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाकर सिखाए क्योंकि शिविर में अक्सर शिकायत करता था की  ‘I want to step by step guide for TM’ फिर एकदिन स्वामी जी ने अपने ऑफिस में बुलाकर भावातीत ध्यान सीखाया। जिसको मैं आज आपके साथ साझा कर रहा हूँ।

  1. पहले एक मिनट आँख खोले एंव बन्द करे > बिना मंत्र बोले इसी प्रक्रिया को दोबारा दोहराए।
  2. अभी जो आशुतोष गुरुजी ने शिविर शुरू होने से पहले दीक्षा कार्यक्रम होता है। उसमें आपको एक बीज मंत्र दिया होंगा, उसके साथ ही ध्यान शुरू करना है।
  3. जब आप गहरे ध्यान में पहुँच जाए तब मंत्रजप छोड़ दे और अपनी आती जाती सांसो को गिने।
  4. जब मेडिटेशन पूरा हो जाए तब हाथ जोड़कर जय गुरुदेव बोले और चेतनासन में लेट जाए।

【TM ध्यान की महत्वपूर्ण बातें】→ ध्यान खत्म होने के बाद कुछ समय पीठ के बल लेटना जरूरी है इससे आपकी ऊर्जा नष्ट नही होती।  हर रोज 15 मिनट सुबह और 15 शाम को जरूर करें।

Transcendental meditation benefits in Hindi

  • हर दिन भावातीत ध्यान करने से आपको तो फायदा होता ही है इसके अलावा आपके आसपास के लोगों को भी इसका लाभ मिलता है।
  • जिन शहरों में महर्षि महेश योगी ने ध्यान कक्षा का 1 से 6 महीने आयोजन करवाया था, उन शहरों में अपराध (क्राइम) कम हो गए।
  • महर्षि महेश योगी के अनुसार विद्वान और हर मनुष्य को 15 मिनट सुबह शाम ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन करना चाहिए।
  • मन पूरा निर्मल होता है जिससे सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्राप्त होता है
  • मेरे अनुभव यह रहा की ये ध्यान करने से आप पूरी1वर्तमान में जीने लगते हैं भूत-भविष्य की चिंताएं दूर हो जाती है।

भावातीत ध्यान(टी एम) के शिक्षक कैसे बनें? How to become transcendental meditation teacher?

भावातीत ध्यान  के शिक्षक भावातीत ध्यान  के शिक्षण के माध्यम से शांति और सद्भाव पैदा करते हुए, समाज के लिए एक सुंदर सेवा प्रदान करते हैं।  टीएम शिक्षकों को टीएम शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम या, टीटीसी नामक 3-6 महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है।  इस टीटीसी प्रशिक्षण के सफल समापन के बाद, स्नातक पूरे भारत में पाए जाने वाले स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और समाज के अन्य क्षेत्रों में शांति निर्माण परियोजनाओं पर अंतर्राष्ट्रीय टीएम संगठन के साथ काम करेंगे।

2. आध्यात्मिकता और सेवा के लिए समर्पित आजीवन स्वैच्छिक सदस्य बनें

कुछ अवसर उपलब्ध हैं – उन लोगों के लिए जो आध्यात्मिक खोज और सेवा के लिए जीवन भर की प्रतिबद्धता बनाने में रुचि रखते हैं;  और साथ ही वैदिक अध्ययन और चेतना की वैदिक तकनीकों के लिए समर्पित महसूस करते हैं, ये विशेष अवसर उपलब्ध हैं।  ये वास्तव में समर्पित लोगों के लिए खुले हैं।

यौगिक फ्लाइंग क्या है? (What is yogic flying in hindi)

योगिक फ्लाइंग भावातीत ध्यान से जुड़ी हुई मेडिटेशन की एक ऐसी विद्या या कला है जिसका अभ्यास करने से आप हवा में उड़ने लगते हैं। ये उड़ने वाली क्रिया अपनेआप ही होती है जब आप ध्यान के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचते हैं। इसको सीखने के लिए आपको नेपाल TM Centre जाना पड़ेगा। इस yogic flying कोर्स को करने के लिए आपको ₹20,000/- का खर्चा आयेगा। खाना, रहना, सब अनामय आश्रम का होंगा। वहाँ पर जाने के बाद 3 महीना आपकी ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन ट्रेंनिग होंगी उसके बाद तीन महीना आपको फील्ड में भेजा जायेगा। इसमें एक Career Opportunity भी है आप TM Teacher बनने के बाद आश्रम आपको भारत के विभिन्न स्कूलों एंव कॉलेजों, भारतीय सेना आर्मी कैम्प, सरकारी एंव गैर सरकारी संगठनों में लोगों को transcendental meditation सीखने के लिए आपको भेजेगा। जिसके आपको महीने के ₹15000/- से ₹21000/- पैसा भी मिलेगा। और रहने और खाने की व्यवस्था भी आश्रम की तरफ से होंगा। मजा ही मजा!!!!

FAQ

हिमालय में स्थायी रहने के लिए आश्रम का नाम बताइए?

हिमालय में स्थायी रहने के लिए उत्तराखंड राज्य में कौसानी नामक गाँव से तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित 'अनामय वैदिक आश्रम' सबसे अच्छी जगह है। जहां पर आप एक शिविर पूरा करने के बाद जीवनभर हिमालय पर्वत के साथ जीवन जी सकते हैं। यहाँ से हिमालय पर्वत के नित्य दर्शन होंगे।

महिलाओं के लिए आश्रम कहां पर है?

भारत में बहुत सारी विवाहित और अविवाहित लड़कियां / महिलाएं हैं जो परिवार से या किसी भी कारण मानसिक प्रताड़ना का शिकार बनती है ऐसे में उनके लिए अनामय आश्रम में 7 दिवसीय शिविर करके जितने दिन / महीने / साल सेवा करके एक अच्छा जीवन व्यापन कर सकती है। सच में महिलाओं के लिए स्थायी रूप से रहने के लिए सम्पूर्ण भारत में इससे बढ़िया आश्रम आपको और कही नही मिलेगा।

क्या मैं अनामय आश्रम में 2 या 3 दिन के लिए
वोल्यूण्टरिग करके निशुल्क भोजन और आवासीय सुविधा प्राप्त कर सकता हूँ? (anamay ashram volunteering rules & As a Guest Per day Room charges)

आश्रम का नियम यह है की यदि आप सिर्फ दो या तीन माहौल देखने या घूमने आ रहे हैं तो आप वोल्यूण्टरिग नही कर सकते। इसके लिए आपको कम से कम ₹700/ प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क देना होंगा। Volunteering करने के लिए आपको सात दिवसीय शिविर करना जरूरी है जिसकी पूरी जानकारी उपरोक्त उपबिन्दु में दे दी गई है। इसके अलावा शिविर करने के बाद भी आपको दो सप्ताह सेवा वोल्यूण्टरिग करनी अनिवार्य है। ऐसा नही की शिविर करने के बाद आप  दो दिन काम करके घर को निकल जाए। ऐसा बिल्कुल नही है। ये जानकारी एक दिन, मैंने गेस्ट का रूम साफ करते समय आश्रम के मैनेजर संजय जी से पूछी। इसके अलावा कोई कितना भी पुराना Volunteer क्यों न हो, यदि वो अपने दोस्तों को या परिवार के सदस्यों को आश्रम घूमाने बुलाता है तो उसका भी ₹700/- Per day के हिसाब से चार्ज लगेगा जिसमें सुबह का नाश्ता, लंच एंव डिनर शामिल हैं। इसके अलावा आप पूरे परिवार के साथ यहाँ रहना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बड़ा कमरा भी मिल जाएगा जिसकी कीमत ₹2000/- प्रतिदिन है।

भारत में ऐसा कोई आश्रम है हमेशा के लिए रहने के लिए?

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हां, ऐसे  बहुत सारे आश्रम भारत में बने हुए हैं जहां पर आप हमेशा के लिए रूक सकते हैं। वहाँ पर अपना स्थायी निवास बना सकते हैं। जिनमे से एक नाम इस पोस्ट में बताया गया आश्रम ही है। आपको जरूरत है इस पोस्ट को शुरुआत से अंत तक पढ़ने की।

Important links & Contact number

Official WebsiteClick here
Mobile number09810207429
Phone09917248154
Email addressanamayashram
atgmaildotcom

Anamay Ashram Founder Ashutosh Urs Strobel biography in Hindi

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जिसने ये आश्रम बनाकर वैदिक भारत को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभाई, उनका जीवन परिचय जानना जरूरी है। Ashutosh Urs Strobel के गुरूदेव महर्षि महेश योगी थे। महर्षि के शिष्य बन जाने के बाद महेश योगी जी ने हमारे गुरुदेव को उत्तराखंड भेज दिया। बोले तुम हिमालय क्षेत्र में जाओ, वहाँ हमारे वैदिक संस्कृति का प्रचार करो, यहाँ पर स्थिति सही नही थी। ऐसे में उनके आदेशानुसार आशुतोष जी कौसानी आए और एक छोटी सी जमीन खरीदी और वहाँ पर गुरुकुल बनाया। आज जो आप भव्य आलीशान आश्रम 2023-2024 में देखते हैं वही 2005 में सिर्फ दो कमरों का आश्रम था। दान और आश्रम की सारी कमाई को गुरुकुल, गोशाला और अन्य अच्छे कार्यों पर खर्च किया जाता है। आशुतोष उर्स स्ट्रोबल पेशे से केमिक्सट थे। लेकीन बचपन से ध्यान और योग में रूचि होने के कारण अपने जीवन को आध्यात्मिक मार्ग की ओर मोड़ दिया।

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