Piles Treatment in Hindi – घर पर ही बवासीर का आयुर्वेदिक और प्राकृतिक तरिके से इलाज कैसे करें?

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पाइल्स बवासीर को घर पर कैसे ठीक करें? (bawaseer ke masse ko thik karne ke upay)

मेरे पिताजी किराणा की दूकान चलाते हैं जहाँ पर उनको दिन में पाँच से सात घण्टे एक ही कुर्सी पर टिककर बैठना पड़ता है। आपको पता ही होंगा की किराने की रिटेल दुकान में चॉकलेट-बिस्किट हर मिनट तो बिकते है नही तो ऐसे में जबतक दूसरा ग्राहक ना आ जाए तबतक बैठना ही पड़ता है। मेरे पिताजी के बवासीर यानी पाइल्स होने का मुख्य कारण एक ही जगह पर ज्यादा देर तक बैठने को मानते हैं और ये बात काफी हद तक सही भी है क्योकी मैंने अपने मोहल्ले में ऐसे तीन से अधिक बवासीर के मरीजों को देखा है। पहली केस स्टडी मेरे पिता की दे दी, दूसरा उदाहरण मेरे मित्र के पिता जिनका नाम दुर्गाराम जी कुमार है वे सिलाई का काम करते हैं सिलाई के काम में भी पूरे दिन बैठकर कपड़े सीलने होते हैं। तीसरे मरीज की कहानी है मेरे घर के पड़ोसी सेसाराम मीणा जो बोलेरो चारपहिया वाहन चलाते हैं इनको भी गाड़ी चलाते समय दिन में 6 से 7 घण्टे गाड़ी की सीट पट बैठना होता है। मैं आपसे वादा करता हूँ, की इस पोस्ट में ‘Piles natural treatment’ के बारे में बताई गई सारी जानकारी का पालन करके आप कुछ ही महीनों में रोगमुक्त हो जायेगें।

【नोट】: – बवासीर होने का मुख्य कारण ऊपर के पैराग्राफ में 3+ Piles Patient Case Study के साथ बता दिया है। पहले ये उपरोक्त इंट्रोडक्शन पैराग्राफ पढ़े उसके बाद चिकित्सा की बातों का पालन कीजिए। ताकी जीवनभर के लिए इस बीमारी से छुटकारा मिल जाए।

बवासीर होने के अन्य कारण ( Piles reason / cause in hindi )

राजस्थान में लोग इस बीमारी को मस्सा (Massa) कहते हैं। क्योकी इस क्षेत्र में हिंदी व अंग्रेजी कम बोली जाती है। चलिए अभी जानते अन्य पाइल्स की समस्या के कारण।

  1. जिस आदमी को कब्ज (कॉन्स्टिपेशन) है उस व्यक्ति को बवासीर रोग जरूर होंगा। एसीडिटी, कब्ज और बवासीर यह तीनों बीमारियां एक साथ चलती है।
  2. चाय और कॉफी पीने से भी बवासीर बीमारी होती है क्योकी पेट से जुड़ी लगभग 40 प्रतिशत बीमारियों का कारण चाय है।
  3. ज्यादादेर तक कुर्सी पर बैठना और बिल्कुल भी शाररिक श्रम नही करना भी इसका कारण है।
  4. अत्याधिक मात्रा में नशा करना।
  5. देर रात तक लेट भोजन करना।
  6. फ्रिज का पानी पीना और अधिक मिर्ची और सफेद नमक का सेवन करना।

बवासीर होने पर ये सावधानियां बरतें  (piles precautions)

टॉयलेट पेपर से गुदे की जगह का खून साफ ना करे। वरना आपका बवासीर और बढ़ जायेगा और खून भी आयेगा। जो आपका Toilet paper होता है उस पर कैमिकल होते हैं। इससे बढिया कापुस लो या सूती कपड़ा लेकर उसे गिला करो और अपना ‘गुदा द्वार’ साफ करो।

खूनी बवासीर को जड़ से खत्म कैसे करें (how to cure piles in hindi)

मेरा विश्वास मानिए, खान-पान की आदत सुधार कर, पर्याप्त व्यायाम करके और शुद्ध प्राकृतिक भोजन करके कोई भी इस बवासीर के दर्द को सही कर सकता है और इस बीमारी से छुटकारा पा सकता है। ध्यान रखें बवासीर को अंग्रेजी भाषा में पाइल्स कहते हैं। अभी जानिए वो सारे उपाय और नेचुरल घरेलू इलाज ;

शुद्ध गौ घृत से बवासीर को ठीक करें

यह प्रयोग मेरे पिताजी ने अपने ऊपर किया था और लाभ मिला तो पूरे गांव वालो को बताया। गौ घृत का मतलब शुद्ध भारतीय देशी गाय के गाय का घी को उस स्थान पर लगाना जहाँ बवासीर हुआ है। ऐसा 5 से 10 दिन करें इससे आपको थोड़ी ठंडक भी मिलेंगी और आपका रक्तस्राव (खून बहना) भी बंद होंगा।

 आयुर्वेदिक प्रयोग नम्बर दो

शुद्ध नारियल के तेल में थोड़ी सी हल्दी मिलाकर उंगली से गुदा स्थान (गांड) के अंदर लगा दे। उंगली से जहाँ पर मस्सा पाइल्स हुआ है।

चाय और कॉफी की जगह ये पेय पदार्थ पीएं

चाय और कॉफी का सर्वश्रेष्ठ विकल्प निम्नलिखित है।
1. आयुर्वेदिक चाय
2. लेमन टी
3. हर्बल टी
4. जड़ी बूटी या औषधियों से बनी चायपत्ती।

यह पढ़े –  घर पर हर्बल टी बनाना सीखें

आयुर्वेद के इन नियमो के साथ ही पाइल्स को जड़ से खत्म करें

आयुर्वेद के ऐसे तो हजारों नियम है लेकिन कुछ नियम शरीर का कायाकल्प करने वाले होते हैं। उनमें से चार नियम मैं आपको शॉर्ट में बता देता हूँ

१. सुबह उठते ही बांसी मुंह एक लोटा पानी पीओ
२. खाना खाने के एक घण्टे बाद पानी पीओ
३. ठंडा पानी भूल से ना पीये।
४. घूट – घूट पानी पीएं

यदि आप विस्तार में इन चार नियमो के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं महर्षि वाग्भट जी की मेरे द्वारा लिखित पोस्ट को पढ़े 

कच्चा भोजन बवासीर का रामबाण इलाज

यदि आप दिल पर पत्थर रखकर विश्व प्रसिद्ध  पेड़ पौधों पर आधारित भोजन  का सेवन लगातार 7 दिन से एक महीना करते हैं तो आपका बवासीर जड़ से खत्म हो सकता है। इसके लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें;

[१.] सुबह 12 बजे से पहले सिर्फ चार प्रकार के फल खाएं। वो 4 प्रकार के फल सस्ते, महंगे, मौसम के अनुसार जो भी हो जैसे भी हो आपको चार प्रकार के फल सुबह 12 बजे से पहले भर पेट खाना है

[२.] उसके बाद जब आप सुबह का भोजन करो तब भोजन करने से पहले सलाद खाना है। कितना खाना है? आपका वजन ×5 कर दीजिए। उदाहरण आपका वजन 50 किलोग्राम है तो 250 ग्राम कच्ची सब्जी खानी है जिसमें (टमाटर, गाजर, खीरा ककड़ी) आदि वो सब सब्जियां शामिल हैं जिसको कच्चा खाया जा सकता है।

[३.] नम्बर दो पॉइंट को रात्री भोजन में भी पालन करना है। फल सिर्फ दिन में एकबार सुबह बारह बजे से पहले भरपेट खा लेना है। उसके बाद खाने की आवश्यकता नही!

 

FAQ Questions Answers

Q.1) क्या बिना ऑपरेशन और सर्जरी के बवासीर ठीक हो सकता है?

Cure piles without operation and surgery संभव है। इस पोस्ट में बताए सभी Homeopathic, Aayurvedic, Naturopathy, Home Remedy, का उपयोग करके बिना ऑपरेशन, बिना सर्जरी और बिना दवाई के आप खूनी बवासीर को ठीक कर सकते हैं।

Q.2) क्यों आयुर्वेदिक, होम्योपैथी और प्राकृतिक चिकित्सा के डॉक्टर पाइल्स का ऑपरेशन करवाने से मना करते हैं?

क्योकी यह बहुत दर्दनाक होता है। और दर्दनाक ना भी हो तो आपको कुछ घण्टो के लिए बेहोश किया जाता है। सभी भगवान के द्वारा बनाई गई चिकित्सा पद्धतियों के चिकित्सकों का यह मानना है की बवासीर हो या कैंसर जबतक वो बिना चीर-फाड़ सही हो सकती है। तबतक अपना शरीर किसी को भी सुपुर्द ना करे। बिना ऑपरेशन पाइल्स क्या दुनिया की हर बीमारी ठीक हो सकती है।

Q.3) क्या औरतों (female) को भी बवासीर होता है?

जी हाँ, महिलाओं को भी बवासीर होता है। खासकर जब, महिलाएं बच्चे को जन्म देती है तब वहां पर ब्लीडिंग (Bleeding) शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को या तो एनिमा लगा दो या उपरोक्त आर्टिकल में बताया गया आयुर्वेदिक नम्बर दो का प्रयोग करे।

Q.4) बवासीर बीमारी क्या है और शरीर के किस जगह पर इसका प्रभाव अधिक पड़ता है?

मल द्वार जिसे गुदा मार्ग भी कहा जाता है उस स्थान पर मल त्यागते समय खून टपकना, दर्द होना उसको बवासीर रोग (Piles Disease) कहते है।

Q.5) क्या इंजेक्शन लगवाने से बवासीर ठीक होता है?

नही। ये एक अस्थायी समाधान है। एलोपैथी चिकित्सा हमेशा रोग को दबाने का काम करती है  मेरे घर के पड़ोसी मरीज का ही उदाहरण दू तो उसने किसी नीम हकीम की बातों में आकर अपने पिछवाड़े में चार-पांच इंजेक्शन ठुकवा दिए। लेकिन नतीजा क्या निकला? उत्तर – शून्य, कुछ भी नही। जैसे ही उस दवाई का असर खत्म हुआ उसकी ये समस्या फिर से शुरू हो गई।

आज आपने बवासीर (Piles) क्यों होता है और उसका आयुर्वेदिक और नेचुरल इलाज के बारे में सम्पूर्ण, सटीक और प्रामाणिक जानकारी प्राप्त की। इनमें से ज्यादातर टिप्स और सलाह महान होम्योपैथी डॉक्टर लिओ रेबेलो वर्ल्ड  ने दिए हैं। और सबसे अच्छी बात सभी प्राकृतिक है।

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बवासीर के शुरुआती लक्षणों को रोकने या कम करने के लिए उपाय 

  • फाइबर से भरपूर आहार खाएं। फाइबर मल को नरम और आसानी से निकलने में मदद करता है।
  • पर्याप्त पानी पिएं। पानी मल को नरम बनाने में भी मदद करता है।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम पाचन तंत्र को स्वस्थ रख सकता है।
  • मल त्याग के दौरान अधिक जोर न लगाएं। मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाने से बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • कब्ज और दस्त को रोकने के लिए प्रयास करें। कब्ज और दस्त दोनों बवासीर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
  • भारी वजन उठाने से बचें। भारी वजन उठाने से मलाशय पर दबाव बढ़ सकता है और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • लंबे समय तक खड़े रहने से बचें। लंबे समय तक खड़े रहने से मलाशय पर दबाव बढ़ सकता है और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • मोटापे को नियंत्रित करें। मोटापा बवासीर के जोखिम को बढ़ा सकता है।

 

बवासीर के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं?

बवासीर के शुरुआती लक्षण अक्सर गुदा या मलाशय के आसपास की सूजन या दर्द के रूप में दिखाई देते हैं। ये लक्षण मल त्याग के दौरान या बाद में सबसे अधिक ध्यान देने योग्य हो सकते हैं। अन्य शुरुआती लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • गुदा या मलाशय से रक्तस्राव, आमतौर पर लाल रंग का
  • गुदा या मलाशय में सूजन या पथरी
  • मलत्याग के दौरान कठिनाई या दर्द
  • गुदा के आसपास सूजन या जलन

3 दिन में बवासीर कैसे ठीक करें?

3 दिनों में बवासीर को ठीक करने का कोई गारंटीकृत तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ घरेलू उपचार और जीवनशैली में बदलाव हैं जो लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं और रिकवरी की प्रक्रिया को तेज कर सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • फाइबर से भरपूर आहार खाएं। फाइबर मल को नरम और आसानी से निकलने में मदद करता है, जिससे मल त्याग के दौरान दर्द और तनाव कम होता है। फाइबर का अच्छा स्रोत है:

    1. फल
    2. सब्जियां
    3. साबुत अनाज
    4. बीज
    5. नट्स
  • पर्याप्त पानी पिएं। पानी मल को नरम बनाने में भी मदद करता है। प्रति दिन 8-10 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें।

  • नियमित रूप से व्यायाम करें। व्यायाम कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है, जो बवासीर का एक आम कारण है। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट मध्यम-तीव्रता वाला व्यायाम करने का प्रयास करें।

  • मल त्याग के दौरान अधिक जोर न लगाएं। मल त्याग के दौरान अधिक जोर लगाने से मलाशय में दबाव बढ़ सकता है और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है। यदि आपके पास मल त्याग के दौरान कठिनाई हो रही है, तो एक गर्म स्नान या शॉवर लेने या मल को नरम करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवा लेने का प्रयास करें।

  • कब्ज और दस्त को रोकने के लिए प्रयास करें। कब्ज और दस्त दोनों बवासीर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। कब्ज को रोकने के लिए, फाइबर से भरपूर आहार खाएं, पर्याप्त पानी पिएं और नियमित रूप से व्यायाम करें। दस्त को रोकने के लिए, भारी भोजन और कैफीन और शराब से बचें।

  • भारी वजन उठाने से बचें। भारी वजन उठाने से मलाशय पर दबाव बढ़ सकता है और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

  • लंबे समय तक खड़े रहने से बचें। लंबे समय तक खड़े रहने से मलाशय पर दबाव बढ़ सकता है और बवासीर के लक्षणों को बढ़ा सकता है।

  • मोटापे को नियंत्रित करें। मोटापा बवासीर के जोखिम को बढ़ा सकता है। स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए, स्वस्थ आहार खाएं और नियमित रूप से व्यायाम करें।

बवासीर कितने दिन तक रहता है?

बवासीर के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर, यह कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों या महीनों तक रह सकता है।

बवासीर में कौन योग करना चाहिए?

Yoga For Piles: 

योग बवासीर के इलाज में मदद कर सकता है, क्योंकि योगासन शरीर की मांसपेशियों को मजबूती देने और पाचन सिस्टम को सुधारने में मदद कर सकते हैं। निम्नलिखित कुछ योगासन बवासीर के रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं:

1. वज्रासन (Thunderbolt Pose):
– घुटनों के ऊपर बैठें और पैरों को एक साथ रखें।
– पैरों की उंगलियों को एक-दूसरे के साथ छूने का प्रयास करें।
– साँस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए ध्यान में रहें।

2. पवनमुक्तासन (Wind-Relieving Pose):
– पीठ पर लेटें और पैरों को बाँध लें।
– पैरों को गुटनों के पास लाएं।
– पैरों को धीरे-धीरे गर्दन की ओर ले जाएं और आकार में जकड़ दें।
– गर्दन को झुकाकर पैरों को सीधा जाकर पेट के पास लाएं।

3. मलासन (Garland Pose):
– नीचे बैठकर पैरों को बाहर की ओर फैलाएं।
– हाथों की पल्म्स को मिलाएं और हाथों को सीधा रखें।
– गर्दन को सीधा रखें और ध्यान में रहें।

4. भद्रासन (Butterfly Pose):
– बैठें और पैरों को बाँधें, जैसे कि एक पुतली की तरह।
– पैरों की ओर धीरे-धीरे कमी लाएं।
– पैरों को नीचे-ऊपर मोड़ते रहें।

5. शवासन (Corpse Pose):
– एक चादर पर लेटें और साँस लो और छोड़ो के साथ ध्यान केंद्रित करें।
– यह योगासन ध्यान और आराम के लिए महत्वपूर्ण है और पेट की आपदाओं को कम करने में मदद कर सकता है।

बवासीर के लिए कौन सा पॉइंट दबाना चाहिए?

यदि आप बवासीर के लिए एक्यूप्रेशर आज़माने पर विचार कर रहे हैं, तो एक योग्य एक्यूपंक्चर चिकित्सक को ढूंढना महत्वपूर्ण है।

बीएल57:  यह बिंदु निचले पैर के पीछे, घुटने के नीचे स्थित होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह बवासीर से जुड़े दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार है।
LI11: यह बिंदु तर्जनी के रेडियल पक्ष पर, मेटाकार्पोफैन्जियल जोड़ के बाहर स्थित होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह बवासीर से जुड़े दर्द और खुजली से राहत दिलाने में मददगार है।
एसपी6: यह बिंदु पैर के अंदरूनी हिस्से पर, भीतरी टखने की हड्डी से चार अंगुल ऊपर स्थित होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह बवासीर से जुड़े दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मददगार है।
GV3: यह बिंदु पीठ के मध्य में रीढ़ की हड्डी पर स्थित होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह बवासीर से जुड़े दर्द और परेशानी से राहत दिलाने में मददगार है।
एसटी36: यह बिंदु पैर के सामने, घुटने से चार अंगुल नीचे स्थित होता है। ऐसा कहा जाता है कि यह दर्द और कब्ज से राहत दिलाने में मददगार है, ये दोनों ही बवासीर में योगदान कर सकते हैं।

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