Cesarean Delivery – सिजेरियन डिलीवरी के नुकसान

सिजेरियन डिलीवरी से होने वाले नुकसान 

यह एक सत्य है की कोई भी महिला दो तरीके से ही बच्चे को जन्म दे सकती है। पहले तरीके को सामान्य प्रसव (Normal Delivery) कहते हैं जिसके अंतर्गत बच्चे का जन्म मूत्रमार्ग (योनि) से होता है। दूसरे तरीके में बच्चे को औरत का पेट चीरकर ऑपरेशन के द्वारा निकाला जाता है। जिसको अंग्रेजी भाषा में सिजेरियन (Cesarean Delivery) बोलते हैं।

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अब जानिए सिजेरियन के नुकसान 

सिजेरियन माँ और बच्चे दोनो के लिए सही नहीं है।   एकबार डॉक्टर ने महिला का पेट चीरकर बच्चे को जन्म दे दिया, तो फिर उस ‘महिला’ की जिंदगी नर्क बन जाती है। उस महिला का वजन बढ़ता जाता है, वह मोटी हो जाती है, फिर उसका घुटना दर्द व अन्य बहुत सारी बीमारियां होती है। आपने अक्सर यह बात अपने आसपास के लोगो, परिवार वालो या रिश्तेदारों के मुंह से सुनी होंगी की शादी से पहले वह महिला पतली थी व शादी करने के बाद मोटी (ओवरवेट) हो गई। ये और कुछ नही सिजेरियन का ही करा कराया खेल यानी दुष्प्रभाव है।  सिजेरियन से पैदा हुआ बच्चा खुद भी दुखी रहता है और अपने माता-पिता को भी दुःख देता है।  इसलिए भूल से भी ऑपरेशन ना करवाए।  सिजेरियन क्या है और का मतलब क्या होता है? प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर और पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार लिओ रेबेलो वर्ल्ड कहते है सिजेरियन का मतलब बच्चे को पेट चीरकर बाहर निकलना। ये तरीका बहुत दर्दनाक होता है। इससे बच्चे और माँ दोनो को बहुत दर्द व दुख होता है।

Shocking Facts About Cesarean C-Section Delivery 

#1. वर्तमान में 90 प्रतिशत बच्चों का जन्म इसी सिजेरियन तकनीक से होता है। जो की चिंता का विषय है।

#2.  उपरोक्त बताए गए आंकड़ो में से अधिकतर सिजेरियन ऑपरेशन डॉक्टर अधिक मुनाफा कमाने के लिए करते हैं। मतलब पैसे कमाने के लिए जिस महिला का नॉर्मल डिलीवरी से बच्चा पैदा होना था। उसको भी सिजेरियन करवा दिया जाता है।

#3. अक्षय कुमार की फ़िल्म ‘Gabbar Is Back’ में इसका सचित्र वर्णन किया गया है जिसके बाद मेडिकल माफिया के लोगो ने अक्षय कुमार और फ़िल्म के डायरेक्टर पर 50 करोड़ का केस फ़ाइल किया।

#4. आजकल ये भी नया ट्रेंड चल रहा है की सिजेरियन के समय इतने समय इतने मिनट पर बच्चा होना चाहिए। ये कोई अच्छी बात नही है।

#5. Child Birth तो Natural ही होना चाहिए लेकिन C-Section के नाम पर पूरे विश्व में करोडो रुपए की ठगी चल रही है।

 

नॉर्मल डिलीवरी में बच्चा कैसे करें?  (How to avoid cesarean delivery in india?)

प्राचीनकाल में, अंग्रेजी शासन से पहले और अभी भी भारत के गाँवों में गांव की बाई जो नॉर्मल डिलीवरी करवाती है। राजस्थान राज्य में यह कार्य ज्यादातर नाई जाति की महिलाएं करती है। शेष भारत में सामान्य प्रक्रिया से बच्चे का जन्म करवाने वाली औरत को ‘दाई’ कहते है। सामान्य प्रसव कैसे होता है इसके बारे में जानकारी पोस्ट की शुरुआत में दी गई है। अब जानते हैं वो सारे देशी, आयुर्वेदिक तरीके जिसके जरिए आप नॉर्मल डिलीवरी करवा सकते हैं।

[१.] देशी गाय का दूध –

हर दिन माँ को रात्रि में एक गिलास देशी भारतीय गाय का दूध पिलाए। उस दूध में देशी गाय का एक चम्मच घी और एक चम्मच हल्दी जरूर डाले।

[२.] भरपूर कैल्शियम के लिए ये करे –

गर्भावस्था में माँ को कैल्शियम रसायन ज्यादा चाहिए। क्योंकि केल्शियम ज्यादा मिलेगा तो शरीर लचीला (Flexible) होंगा। जिससे बच्चा आराम से मूत्र द्वार (वजाइना) से बाहर निकल जायेगा। Calcium के बहुत से जरिए है जैसे; चूना, केला व तिल।

[३.] हाथ चक्की का कमाल –

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अभी जो आपको प्रयोग बताने वाला हूँ ये तो जादू का काम करती है।  हर बच्चा स्वस्थ और तंदुरुस्त पैदा हो इसलिए भगवान ने सारी व्यवस्था शरीर में कर रखी है। यदि गर्भवती महिला हाथ की चक्की हर रोज 15 मिनट चलाती है। तो 100% बच्चा नॉर्मल डिलीवरी से पैदा होंगा। सावधानी और ध्यान रखने वाली बात यह है की चक्की चलाओ तब गेंहू, चना कुछ भी उसमें पीसना जरूरी है खाली चक्की चलाने से कोई लाभ नहीं होंगा। दूसरी बात माँ को सात महीने (7 Month) तक ही चलवाये।  समझ गए ना? पूरे 8 से 9 महीने नही चलानी है। इसको आप ऑनलाइन या राजस्थान में किसी भी गाँव में जाओंगे तो वहाँ सस्ते में मिल जाएगी। क्योकी जब से Electric आटा चक्की आयी है तब से हाथ की चकी का नामोनिशान ही मिट गया है। राजस्थान में इसको गट्टी (Gatti) कहते है।

[४] सिलभट्टा का प्रयोग सामान्य प्रसव में –

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सिलभट्टा उपकरण का प्रयोग प्राचीन भारत में चटनी पीसने के लिए किया जाता था। हालांकि आज भी भारत में कई घरों में सिलभट्टा आपको देखने को मिल जायेगा।

[५]  अपामार्ग का पौधा  apamarg ki jad –

इस पौधे की जड़ को डिलीवरी के समय कमर पर बांधते है, नाभि के साथ तो 99% नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है। क्या आप जानते हैं यह एक रहस्यमय और चमत्कारिक पौधा है? इसके रहस्य को छुपाया गया। हमारे सभी ऋषि-संत इसका प्रयोग करते थे। यहाँ तक की जो महिलाएं गर्भधारण नही कर पाती किसी भी कारण की वजह से उसमें भी यह काम आता है।

 

【महत्वपूर्ण सूचना】- उपरोक्त बताए सभी नियम एक साथ भूल से प्रयोग ना करें। हाथ की चक्की वाला, गाय के दूध का और अपामार्ग की जड़ के पौधे वाला का प्रयोग आप साथ-साथ कर सकते हैं। इसके अलावा शांति से बैठकर जो बातें बताई गई है उसको अपनी नोटबुक में लिखे इनके बारे में इंटरनेट पर और अधिक विस्तार से जानकारी प्राप्त करे उसके बाद प्रयोग करें। वैसे अच्छी बात यह है की मैंने और भी बहुत सारे सामान्य प्रसव के लिए घरेलू उपाय लिखे थे लेकिन उनको हटा दिया क्योकी उनमें बहुत अधिक दवाओ के प्रयोग का ज़िक्र था। लेकिन ऊपर बताए गए सारे Tips आसान है जिसको कोई भी महिला कर सकती है।

नॉर्मल डिलीवरी से बच्चे के जन्म लेने के फायदे (Advantages / Benefits of Normal delivery birth)

  1. बच्चा जीवनभर नाना प्रकार की बीमारियों से मुक्त रहता है।
  2. माँ को भविष्य में किसी भी प्रकार की प्रसव से संबंधित समस्या नहीं होती है।
  3. बच्चा एकदम स्वस्थ पैदा होता है।
  4. प्रसव के दौरान माँ को किसी प्रकार का केमिकल वाला इंजेक्शन लगवाने की जरूरत नहीं पड़ती है। बिना दवाई और बिना इंजेक्शन के ही डिलीवरी हो जाती है।
  5. घर पर ही सामान्य प्रसव (नॉर्मल डिलीवरी) कराई जा सकती है।

Ayurvedic and all-natural tips to help you avoid a C-section [English]

  • Massage with herbal oils. Ayurvedic oils, such as sesame oil, can help to relax the body and mind, and they can also help to reduce pain and inflammation.
  • Yoga and meditation. Yoga and meditation can help to reduce stress and improve overall well-being. They can also help to prepare the body for labor and delivery.
  • Avoiding certain foods. Ayurvedic practitioners recommend avoiding certain foods during pregnancy, such as hot and spicy foods, uncooked leafy vegetables, and improperly cooked lentils and beans.
  • Taking herbal supplements. There are a number of Ayurvedic herbs that are said to be beneficial for pregnancy and childbirth. These include Shatavari, Ashwagandha, and Triphala.

How to Avoid an Unnecessary Cesarean and adopt natural Child birth – By Swami Ramdev

Swami Ramdev discusses some of the ways to avoid an unnecessary C-section and adopt a natural childbirth. He emphasizes the importance of good prenatal care, eating a healthy diet, and exercising regularly. He also recommends some specific yoga poses and exercises that can help prepare the body for childbirth.

  • Do yoga and other exercises that can help prepare your body for childbirth. Some specific poses that Swami Ramdev recommends include Balasana (Child’s Pose), Uttanasana (Standing Forward Bend), and Bhujangasana (Cobra Pose).
  • Have a positive attitude. A positive attitude can go a long way in helping you have a natural birth. Believe in yourself and your body’s ability to give birth.


आज आपने सिजेरियन क्या होता है, cesarean delivery operation करवाने के नुकसान के बारे में  पुरी जानकारी प्राप्त की।  इस पोस्ट को भारत की हर माताओं और बहनों को शेयर करें ताकी आगे आने वाली पीढियां सुरक्षित रहे। अपनी राय / सुझाव / टिप्पणी नीचे दिए गए ब्लॉग कमेंट बॉक्स में लिखे। अपने सवाल /सुझाव / विचार नीचे ब्लॉग कॉमेंट बॉक्स में लिखे।

 

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