Jharkhand mein kitne jile [District] Hai ? झारखंड के सभी जिलों के नाम

Jharkhand mein kitne jile Hai ?

वर्तमान सन् 2023 में झारखंड राज्य के कुल जिलों की संख्या चौबीस 24 हैं। आज आप झारखंड के सभी जिले के नाम वह उनकी क्या विशेषता है, उसके बारे में संक्षिप्त परिचय पढ़ेंगे।

 

1. बोकारो [ Bokaro ]

बोकारो जिला अपने औद्योगिक क्षेत्र और सैर-सपाट ( पर्यटन) के लिए मशहूर हैं। विशेषकर बोकारो जिला अपने स्टील प्लांट के लिए जाना जाता हैं। वह जिले के अधिकतर आबादी मानसूनी खेतीबाड़ी पर निर्भर रहती हैं। बोकारो जिले में घूमने लायक जगहों का नाम ;-
● गरगा डैम, तेनुघाट डैम, हथिया पत्थर और ललपनिया छरछरिया झरना ।
● लुगुबुरू घांताबारी, सिटी पार्क, जवाहर लाल नेहरू बायोलॉजिकल पार्क।

 

2. चतरा [ Chatra ]

चतरा जिला में कुछ नक्सलवादी गतिविधियां भी होती हैं। पर जहाँ तक मेरा मानना हे, जो यात्री होते हैं, उन पर ये नक्सली अटैक नही करते, क्योकी इनकी दुश्मनी सरकार से है, और उन लोगो से है, जो किसानों की जमीन को लूटते हैं, वहाँ के गरीबो पर अत्याचार करते हैं। इसलिए आप एक पर्यटक हो तो चतरा जिले में बेफिकर जाये, सिर्फ जंगलों के अंदर नही जाए ( आप इसके बारे में और जानकारी गूगल सर्च करके या वहाँ के स्थानीय लोगों से ले सकते हो ) चतरा के जंगल में अनेक प्रकार के औषधीय पौधे पाए जाते हैं, जिसमें केंदू के पत्तों, बांस, साल, सागौन आदि आते है। जिले में एक वन्य जीवन अभयारण्य है जिसे लवलॉन्ग वन्यजीव अभयारण्य के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें बाघ भी विचरण करते हैं। अभयारण्य में पाए जाने वाले प्रमुख जानवर बाघ, तेंदुए, भालू, नीलगाय, सांभर, मोर, जंगली सूअर और हिरण हैं, साथ में विभिन्न प्रकार के सांप और पक्षी भी हैं।

 

3. देवघर [ Deoghar ]

देवघर एक हिंदी शब्द है और ‘देवघर’ का शाब्दिक अर्थ देवी-देवताओं (‘देव’) का निवास (‘घर’) है। देवघर जिला में एक प्रसिद्ध स्वास्थ्य रिसॉर्ट और एक मुख्य हिंदू तीर्थस्थल है। देवघर में बैद्यनाथ मंदिर बारह ‘शिव ज्योतिर्लिंगम’ में से एक है और यह भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। बैद्यनाथ धाम भारतीय पर्यटन के सबसे गुप्त स्थलों में से एक है। कई हिस्से अभी तक अछूते हैं। आसपास कई बौद्ध मठों के खंडहर हैं। यहाँ पर भगवान महादेव जी का एक पुराना मंदिर भी हैं, जहाँ पर प्रतिवर्ष श्रावण के महीने लाखो श्रद्धालु कांवड़ लेकर दर्शन करने आते हैं। इन भक्तो को ‘कावड़िया’ कहते हैं। इसके अलावा बैजू मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर भी देखने योग्य जगह है।

4. धनबाद [ Dhanbad ]

धनबाद जिला भारत के राज्य झारखण्ड का एक जिला है। यहाँ कोयले की खादाने अत्याधिक होने के कारण इसे ‘ भारत की कोयला की राजधानी ‘ नाम से भी जाना जाता हैं। पर्यटकों के लिए प्राकृतिक वातावरण बहुत खुशनुमा होता है आइये जानते हैं, धनबाद जिले के टूरिस्ट प्लेस।
● मैथन बांध, शक्ति मंदिर और भटिंडा झरना।
● बिरसा मुंडा पार्क व तोपचांची झील।

 

5. दुमका [ Dumka ]

दुमका जिला झारखंड राज्य के सबसे शानदार वह खूबसूरत जिलों में से एक है। दुमका पहाड़ियों से गिरा हुआ है। यहाँ पर पहाड़ी पर्यटन घूमने आने वाले यात्रियों को एक मनमोहक सुकून देते हैं। यहाँ का गौरवशाली इतिहास और प्राकृतिक वातावरण हर किसी को अपनी और आकर्षित करता है। जिसमे पहाड़िया, नदिया और घटिया शामिल हैं। जिले में वन क्षेत्र, खनिज संपदा, औद्योगिक और कृषि के आयाम स्थापित है जिससे इस जिले की अर्थव्यवस्था को बल मिलता हैं।
दुमका डिस्ट्रिक्ट में घूमने लायक स्थान;-

● बाबा बासुकीनाथ मंदि व मालुति मंदिर।

● नाग मंदिर व बाबा सुमेश्वर नाथ मंदिर।

● मयूराक्षी नदी व तातलोई।

● मसंजोर बांध – एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल है।

● मलूटी- एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान है

 

6. पूर्वी सिंहभूम [ East Singhbhum ]

पूर्वी सिंहभूम जिला झारखंड राज्य में औद्योगिक विकास और खनन उत्खनन के दृष्टिकोण से बहुत आगे हैं। जिले में उच्च गुणवत्ता के खनिज पाए जाते हैं जिसमें लौह अयस्क, तांबा, यूरेनियम, गोल्ड कानाइट प्रमुख हैं।

पूर्वी सिंहभूम जिले में पर्यटक स्थलों के नाम;-

● जुबली पार्क और डिमना झील।

● दलमा वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी।

● जुबली झील व टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क।

 

7. गढ़वा [ Garhwa ]

गढ़वा जिला झारखंड राज्य का एक जिला है। जो अभी विकासशील है। गढ़वा जिले में घूमने लायक जगहों का नाम;-

● गढदेवी मंदिर व खुथा बाबा का मंदिर।

● गढ़वा दुर्ग का मंदिर।

● राधा कृष्ण मंदिर – वंशीधर।

8. गिरिडीह [ Giridih ]

प्राचीन काल में गिरिडीह जिला ऊँची और दूरस्थ पहाड़ियों से घिरा हुआ था। कहा जाता है, इस जिले के आदिवासी लोग घने जंगल और नदियों से ढके हुए पहाड़ी क्षेत्रो में रहते थे। गिरिडीह जिला एक ऐतिहासिक, प्राचीन और सांस्कृतिक दृष्टि से झारखन्ड में ही नही अपितु पूरे भारत देश का एक विशेष जिला हैं। कहते हैं, जिस क्षेत्र में पारसनाथ पहाड़ी है वह देश के धार्मिक केंद्रों में से एक माना जाता है। यहीं पर 24 में से 20 तीर्थंकरों ने इस स्थान पर समाधि या ध्यान की एकाग्रता के माध्यम से निर्वाण प्राप्त किया। शिखरजी के टोंक में चौबीस तीर्थंकरों और दस गणधरों के पद चिन्ह हैं, जिन्होंने पहाड़ियों का दौरा किया था।  गिरिडीह जिला के प्रमुख पर्यटक स्थलों के नाम इस प्रकार है;-

● पारसनाथ तीर्थ – पवित्र जैन तीर्थ।

● मधुवन – संग्रहालय में जैन संस्कृति और स्थान का इतिहास ।

● झारखंडी धाम, हरिहर धाम, लंगट बाबा समाधि स्थल, दुखी महादेव मंदिर, श्री कबीर ज्ञान मंदिर आदि जैसे अन्य भक्ति स्थल हैं।

9. गोड्डा [ Godda ]

गोड्डा जिला पूर्वी भारत में झारखंड राज्य के चौबीस जिलों में से एक है। यहाँ के लोगों की मुख्य आर्थिक गतिविधिया कृषि है, और प्रमुख फसलें धान, गेहूं और मक्का हैं। गोड्डा संथालों नामक जनजाति की भूमि है। गोड्डा डिस्ट्रिक्ट खनिज संपदाओ से भरा है। गोड्डा के पर्यटक स्थल;-

● योगनी शक्तिपीठ व सुंदर बांध।

● बसंतराई।

10. गुमला [ Gumla ]

गुमला जिले में आदिवासी जनजाति के लोग अधिक है। प्रकृति की सुंदरता के कारण, गुमला जिला घने जंगलों, पहाड़ियों और नदियों से ढका हुआ है। यहाँ पर साप्ताहिक पशु-मेला भी लगता हैं यह विडंबना है और दुख की बात भी हैं, गुमला जिला ऐतिहासिक महत्व से प्रसिद्ध है इसके बावजूद इसे अनुसंधान मानचित्र में नहीं लाया गया है।

● कामदरा पर्यटन – प्राचीन शिव मंदिर।

● बासुदेवकोना व नागफेनी।

● टांगीनाथ प्राचीन काल स्थापत्य कला।

11. हजारीबाग [ Hazaribag ]

हजारीबाग जिला कई पठारों, पहाड़ों और घाटियों से भरा हुआ है। यात्रियों के लिए, पर्यटकों के लिए हजारीबाग एक बहुत सुंदर जिला है।
●हज़ारीबाग झील, खुटरा व रजरप्पा।

●हैल्थ हिल रिसोर्ट और कैनेरी पहाड़ी।

●हजारीबाग वन्य जीव अभयारण्य ।

● छडवा डैम व लुटवा बांध।

● इचाक-मंदिरों का शहर

 

यह भी पढे –  पर्यटन व पर्यटक क्या होता है इसका मतलब क्या होता है?

 

12. जामताड़ा [ Jamtara ]

जामताड़ा जिला की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से खेती या कृषि संबंधित कार्यों पर निर्भर करती है। जामताड़ा में बॉक्साइट की खदानें अत्यधिक है, वही पर्यटन में पर्वत विहार पार्क और लधना बांध लोकप्रिय हैं।

13. खूँटी [ Khunti ]

खूंटी जिला भारत के क्रांतिकारी बिरसा मुंडा का जन्मस्थान हैं। इनके नेतृत्व में ही वहाँ के आदिवासी लोगो में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह की चेतना जाग्रत हुई थी।

● पेरुआ गाघ जलप्रपात और हिरण पार्क

●आदिवासी लोक नृत्य व अंगराबादी मंदिर

● पंचघाघ झरना व जदुर सुसुन, करम सुसुन
(स्थानीय लोक नृत्य डांस)

14. कोडरमा [ Koderma ]

कोडरमा जिला का मुख्य शहर झुमरी तिलैया है। कोडरमा में ‘अभ्रक’ नगरी के रूप में भी जाना जाता है, हाँ, यह वही चमकीली-चमकीली खनिज मिनरल्स है, जिसे हम स्कूल में अपने कॉपी में रखते थे, और बोलते थे, की विद्या आयेगी 😀। अगर आप राजस्थान राज्य से हो, तो आपके साथ यह घटना पक्की घटित हुई होंगी। काम की बात करे, तो इसका प्रयोग बिजली, टेलीफोन, तार और कंप्यूटर के उपकरण बनाने में उपयोग किया जाता हैं।

● मां चंचला देवी शक्तिपीठ व तिलैया बांध।

● उरवन टूरिस्ट कॉम्पलैक्स ।

● सतगांवा पैट्रो झरने ।

● कोडरमा वन्यजीव अभयारण्य।

15. लातेहार [ Latehar ]

लातेहार जिला का नाम रांची – डालटनगंज रोड पर स्थित लातेहार गाँव के नाम पर रखा गया है। लातेहार डिस्ट्रिक्ट अपनी समृद्ध प्राकृतिक सुंदरता, वन सम्पदा और खनिजों के लिए प्रसिद्ध है। पर्यटक यात्री यहाँ पर आकर पिकनिक, झरने वह पहाड़ी हरे-भरे जंगलों में घूमने का आनंद लेते हैं। लातेहार जिले के पर्यटक स्थल;

● जलप्रपात और झरने।

● लोकल फूल- पौधों से कला प्रदर्शन।

● खदानें – बॉक्साइट, लेटेराइट और डोलोमाईट।

16. लोहरदगा [ Lohardaga ]

लोहरदगा जिला, जैन ग्रंथों में भगवान महावीर की लोर-ए-यदागा की यात्रा का संदर्भ है, जिसका अर्थ है मुंडारी में ‘आँसू की नदी’। अकबर पर प्रसिद्ध पुस्तक ‘आइने-ए-अकबरी’ में ‘किस्मत लोहरदगा’ नामक स्थान का भी उल्लेख है। यहाँ पर लोहे की खनन भी है। लोहरदगा जिला में नदिया पहाड़, झरने वह जंगलों से घिरा हुआ है। यहाँ पर लाल और पीली मिट्टी पाई जाती हैं। लोहरदगा जिला के पर्यटन स्थलों में धरधारिया जलप्रपात, महादेव मंडा, सरहुल (आदिवासी उत्सव) प्रमुख हैं।

17. पाकुड़ [ Pakur ]

पाकुड़ जिला ऐतिहासिक दृष्टि से विशेष जिला हैं। इसका वर्णन ब्रिटिश काल में, चन्द्रगुप्त मौर्य शासन काल में, वह कई विदेशी यात्रियों की किताबो में मिलता है। पाकुड़ जिले में धान की खेती ज्यादा की जाती हैं।
पाकुड़ जिले के छः पर्यटक जगहों का नाम;

● मार्टेलो टॉवर व सिद्धू-कान्हू पार्क।

● धरनी-पहाड़ मंदिर और महाकाल शक्तिपीठ।

● कंचनगढ़ह व सिद्धो कान्हो मुर्मू पार्क पाकुड़।

18. पलामू [ Palamu ]

पलामू जिला में आदिवासी लोग वनों (पेड़ -पौधों) की पूजा करते हैं। पलामू जिले में निम्न जनजातिया निवास करती हैं जिसमें मखेरवार, चेरो, उरांव व बिरजिया शामिल हैं। प्राचीन मान्यताओं और हिन्दू संस्कृति के अनुसार लोग पेड़ो के साथ हाथी, कछुआ, सांप इत्यादि पशु-पक्षियों की पूजा भी करते हैं। यहाँ पर हजारो की संख्या में वन्यजीवो की प्रजातियां पाई जाती है। झारखंड राज्य के जंगलों और पहाड़ों से घिरा पलामू क्षेत्र प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक-पौराणिक स्थलों से भरा हुआ है

19. रामगढ़ [ Ramgarh ]

रामगढ़ जिला का इतिहास बहुत पुराना है,इसको विभिन्न मुगल शासकों का, भारत के महान राजाओ का व जैन तीर्थकरो का सानिध्य प्राप्त हुआ। बुद्ध काल में भी इसका वर्णन हैं। यहाँ पर कोयला और अभ्रक जैसे खनिज भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। रामगढ़ जिले के दर्शन करने योग्य जगहों का नाम ;-
– रजरप्पा, माता वैष्णो देवी मंदिर, टूटी झरना मंदिर
– चुटुपालु, बानखेत्ता तथा लिरिल।

20. राँची [ Ranchi ]

राँची जिला झारखंड राज्य की राजधानी होने के साथ झारखण्ड की शान भी है। रांची जिले को “वॉटर फॉल्स के शहर” के रूप में भी जाना जाता है। यदि आप प्रकृति प्रेमी हैं तो राँची जिला पर्यटन स्थलों से भरा हुआ है। जिसमें झरने, पहाड़ियाँ और जंगल शामिल है। रांची जिले सबसे अच्छे घूमने के स्थान:

● जगन्नाथ मंदिर, रॉक गार्डन, व कांके बांध।

● सूर्य मंदिर टैगोर हिल और पहाड़ी मंदिर ।

● राज्य संग्रहालय होटवारी

● नक्षत्र वान दशम जलप्रपात

● जोन्हा जलप्रपात व पतरातू घाटी

● हुंडरू फॉल्स बिरसा जूलॉजिकल पार्क

21. साहिबगंज [ Sahibganj ]

साहिबगंज जिला में मुख्य रूप से राजमहल हिल्स, मोती झरना, राजमहल वन, जामा मस्जिद और साहेबगंज पोर्ट प्रसिद्ध हैं।

 

22.सरायकेला-खरसावां [ Seraikela-Kharsawan ]

सरायकेला-खरसावां जिला, झारखंड राज्य के चौबीस जिलों में से एक है। सरायकेला शहर सरायकेला खरसावां जिले का जिला मुख्यालय है।
प्रकृति में मुख्य रूप से कृषि जिले में आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल है जो एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है। सरायकेला राजनगर को जोड़ने वाली सड़क पर तितिरबिल्ला पुल, ईचागढ़ में टिकर नदी पर पुल, शाखा नदी पर सेतु जिले के विकासशील कदमों की रूपरेखा दर्शाती हैं। वही पर्यटन में दलमा टॉप,जायदा मंदिर चांडिल बांध, और सुबर्णरेखा नदी आते हैं।

23. सिमडेगा [ Simdega ]

सिमडेगा जिला में बत्तीस प्रतिशत वन – जंगल हैं जिसमें कटहल, जामुन, आम, बांस, नीम आदि मुख्य पेड़ हैं। इस जिले में सभी प्रकार के खेलों की गतिविधियां होती हैं।
● भैरव बाबा पहाड़ी – गुफा।

● दनगद्दी- एक सुंदर व नेचुरल जगह।

● केतुंगा धाम – पुरातात्विक क्षेत्र।

● वनदुर्गा, केलाघाघ बांध व रामरेखा धाम।

● अंजान पीर साहेब का मजार

 

24. पश्चिमी सिंहभूम [ West Singhbhum ]

पश्चिमी सिंहभूम जिला पहाड़ी ढलानों पर घाटियाँ, खड़ी पहाडी और घने जंगलों से भरा पड़ा है। जिले में सबसे अच्छे साल वृक्ष के वन है और सारंडा (सात सौ पहाड़ी) वन क्षेत्र दुनिया भर में जाना जाता है। पर्यटन के रूप में जलप्रपात एवं जंगली जानवर से भरा हुआ है जैसे- हाथी, जंगली भैंसा, बाघों, तेंदुए, भालू, जंगली कुत्तों, जंगली सूअरों, सांभर, हिरण और चित्तीदार हिरण भी पाये जाते है।

 

मुझे उम्मीद हैं, आपको झारखंड राज्य के बारे में वह सभी जिलों के बारे में दी गईं जानकारी काम आयेगी।  सभी झारखंड वासियो व भारत के लोगो के साथ यह पोस्ट जरूर शेयर करें।

 

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