शांतिकुंज हरिद्वार की दिनचर्या (जीवनचर्या) | Shantikunj dincharya | shantikunj daily routine

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Shantikunj Daily Routine

यह दिनचर्या भारत के सबसे सुन्दर और सबसे बड़े आश्रम शांतिकुंज हरिद्वार की हैं। Shanti Kunj ashram के संस्थापक युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य ने लिखी। अगर आप निराश, हताश और दुखी है, या फिर आपके कुछ रिश्ते / संबंध खराब चल रहे हैं। या फिर स्वास्थ्य लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हो। आपकी हर समस्या और चिंता का समाधान यह शान्तिकुञ्ज की दिनचर्या (जीवनचर्या) हैं। या तो आप shantikunj haridwar आश्रम में जाकर इसका पालन करे इसे अपनी आदत बनाये या फिर घर पर ही नीचे लिखी daily activities routine का अभ्यास करें, आप पायेंगे की आपको वह सबकुछ जीवन में मिल जायेगा, जो आप पाना चाहते हो। अपना जीवन बदलना हैं, तो इस दिनचर्या को अपने जीवन में आज ही उतारे।

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Quote 1 –

” अनजान होना उतनी लज्जा (शर्म) की बात नही, जितना सीखने के लिए तैयार न होना।”

 

Quote 2 –

सीखने की इच्छा रखने वालो के लिए पग-पग पर शिक्षक हैं।

 

Quote 3 –

“सीखना- (उपासना), बनना – (साधना), और बनाना- (आराधना, सेवा)।”

प्रातः जागरण [Morning awakening]

सुबह 3 बजे उठकर आत्मबोध की साधना करना। आत्मबोध का मतलब हर दिन नया जन्म। ” सविता (सूर्यदेव) ईस्ट, लक्ष्य, उपास्य- सविता रूप में विद्यमान पूज्य गुरुसत्ता/ईश्वर/परमात्मा को आज के जीवन के लिए धन्यवाद और आज मिलने वाले सभी परिजनों को भी उनके सहयोग के लिए धन्यवाद।

●दिनभर की मानसिकता और कार्यो की रूपरेखा- योजना बनाए।

● मानवीयता का प्रथम गुण – कृतज्ञता (Gratitude)

 प्रार्थना [ prayers ]

ईस्ट ध्यान – सविता देवता से प्रार्थना – हम क्या चाहते हैं? – शान्तिकुन्ज दीक्षा समारोह में लिए गए व्रत के अनुरूप जीवन जीने का संकल्प।

तीर्थक्षेत्र की पवित्रता, प्रखरता व प्रेरणाऍ

[Cleanness of Shrine, Trenchantly & Inspirations]

गायत्री मंत्र से अभिमंत्रित, यज्ञ ऊर्जा से उर्जित, स्वणिम किरणों से ओतप्रोत प्रत्येक सांस ले। पूज्य गुरुसत्ता का प्राण भरा स्नेह और गीतों -प्रवचनों-सदवाक्यो के माध्यम से स्नेह भरी प्रेरणाऍ।

उषापान, ताडासन आदि [Ushapaan, Tadasana etc.]

सुबह उठते ही 1 लीटर पानी पीना और उसके बाद ताड़ासन नाम का आसन करना – ” स्वस्थ शरीर भगवान का मंदिर।”

 स्वच्छता,आरती [Cleanliness,Worship]

अपने घर, शरीर, मन तथा अंत: करण की नियमित साफ – सफाई करना।

विवेक की देवी गायत्री माता की आरती करना – “विश्व में सभी के लिए सद्बुद्धि-सदभाव की प्रार्थना।

सविता देवता की उपासना [Worship of Sun God]

इसमें आपको हिन्दू देवता सूर्य की गुणों-विशेषताओ का वर्णन और सभी के लिए सद्बुद्धि-सदभाव की प्रार्थना।

 

मौन व ध्यान [Silence &Meditation]

मौन के अंदर आपको सिर्फ बोलने से बचना हैं, इसका आपको हर दिन अभ्यास करना है। मतलब बिना कारण कुछ नही बोलना हैं।

●ध्यान के अंदर आपको – मैं क्या हूँ? का प्रयोग रूप ” गायत्री मंत्र से तीनों शरीरों का – पंचकोषों जागरण

प्रणाम व तीर्थ दर्शन [Greetings and Teerth Darshan]

शांतिकुंज हरिद्वार आश्रम में स्थित अखण्ड दिप, गायत्री माता मंदिर, भटका हुआ देवता का मंदिर, ऋषि-क्षेत्र, गुरुजी का समाधि-स्थल, व देवत्मा हिमालय दर्शन – दिव्य सत्ताओ की अनूभूति और उनके जीवन मूल्यों के लिए प्रति आदर व कृतज्ञता के भाव। एक बार जरूर जाये, उसकी पूरी जानकारी सबसे अंत में ‘ releted post’ में पढ़े।

सदवाक्य, गीत,यजन,जप, व्यायाम [Good Quote, Song, Yagya, chanting & Yoga]

सदवाक्य में दिव्य प्रेरणाऍ -सूक्ष्म शरीर की साधना जीवन की समस्याओ का समाधान के बारे में अनमोल विचार पढ़ना।

● गीत- प्रेरणा, प्राथना, प्रतिज्ञा-संकल्प -गीतों में जीवन समस्याओ का समाधान।

● यज्ञ- कर्मकांडो से प्रेरणा, वह घर के सभी सदस्य मिलकर रोज सुबह यज्ञ करें। मंत्रोच्चारण यूटुब वीडियो देख ले शान्तिकुन्ज का।

● जप- गायत्री मंत्र जप की माला करना और उसमें श्रेष्ठ चिंतन करना अपने लक्ष्य के अनुसार। 100% फलित होंगा। मैं खुद एक माला हर रोज करता हूँ।

● व्यायाम -आसान-प्राणायाम, व शरीर को भगवान का मंदिर समझकर उसकी रक्षा करना

 

उदीयमान सूर्य का दर्शन [ Sunlight of Emerging ]

इस गतिविधि में आपको सूर्य देव के दर्शन करके अपने आत्मबोध, लक्ष्यबोध की साधना करे। मैं क्या हूँ? , मैं कैसा हूँ? भक्त और भगवान एक हैं। इस तरह बोले।

अपने अंग अवयवों से चिंतन [Contemplation from your limb components]

प्रतिदिन स्वाध्याय ( self study ) करना अपने मन को कुविचारों से बचाने के लिए। एक अच्छा और सफल इंसान बनने के लिए।

युग निर्माण सत्संकंल्प” चिन्तन [Era Construction Satsunking” Concern]

अनुशासन से खुद को सुधारना युग निर्माण सत्संकंल्प पढ़ने के लिए मेरी शांतिकुज वाली एक और पोस्ट आप पढ़ेंगे, पहले ये पढ़ लीजिए।
‘ हम बदलेंगे, युग बदलेगा,
हम सुधरेंगे, युग सुधरेगा’

अंकुरित अन्न, सत्संग -सत्य का संग [Sprouted food, Satsanga-friendship with truth]

‘जीवंत भोजन -चले प्रकृति की और’ सुबह योग के बाद अंकुरित अनाज का सेवन करना। सत्संग के अंदर गुरुजी का सत साहित्य पुस्तक पढ़ना, ऑडियो-वीडियो सीडी सुनना और देखना।

सहभोज, स्वाध्याय, ध्यान दोपहर, श्रमदान [Sahbhoj, Self study, afternoon meditation & Shramdaan]

सहभोज का मतलब सामूहिक भोजन बिना भेदभाव के करना, सबके लिए एक जैसा अस्वाद भोजन। भोजन परोसना इत्यादि।

  •  स्वाध्याय – गुरुजी की किताबें, जीवन की मार्गदर्शक महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ना।
  • ध्यान दोपहर – शान्तिकुन्ज की ज्योति अवधारणा साधना करना दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर या डेढ़ बजे। माँ भगवती के गायत्री मंत्र के साथ।

आरती, नादयोग, रात्री प्रार्थना [ Aarti, Nadyog Sadhna & Night Prayer]

आरती के अंदर साकार उपासना गायत्री माता की आरती और अपने से बात करे (चिंतन-मनन)

●नादयोग साधना यह म्यूजिक शाम छ बजे सुने

● रात्री प्रार्थना – में तत्वबोध की साधना की जाती हैं जिसमे रात को सोने से पहले बोले – दिन भर के कामो की कठोर समीक्षा, कोई गलती हुई हो तो भगवान से माफी मांगे। किसी ने आपका भला किया हो तो उसको माफ करे । हर रोज प्रगति के राह पर चलने का संकल्प ले।

शान्तिकुंज हरिद्वार की अन्य प्रक्रियाएँ [Others Processes / Activities of Shantikunj Haridwar Ashram Uttrakhand]

1.गायत्री मंत्र दीक्षा – गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य के जीवन की विद्या लेने का संकल्प, सूर्य देवता के रूप में गुरुदेव को मनाना, गायत्री मंत्र की दीक्षा से लिये ज्ञान से महान जीवन जीने का संकल्प।

 

2. ज्ञानघट-अंशदान – ज्ञान यज्ञ के लिए अपनी कमाई का एक हिस्सा इसमें लगाना।

 

3. अनघट – ज्ञान लेने के लिए रोज की दो रोटी का पैसा अपने लिए जोड़ना।

 

4. बलिवैश्व यज्ञ – अन्न से मन बनता हैं- पहले भगवान को भोग लगाए उसके बाद ही भोजन करें।

 

5. जल अर्ध्य – सुबह सूर्यदेवता को जल चढ़ाना।

 

6. दीपयज्ञ – हर महीना या सप्ताह में एकबार अपने घर में अपने परिवार और गायत्री साधको के साथ बहुत सारे दिप जलाकर ‘ गायत्री मंत्र बोलना।

 

7. जन्मदिन व विवाह दिन- जन्मदिन में जीवन की महत्व और अपने लक्ष्य के बारे में चिंतन करना।
विवाह दिन में सुखी वैवाहिक जीवन जीने का संकल्प और चिंतन मनन करना।

 

8. अन्य 16 भारतीय संस्कार- जैसे गर्भसंस्कार, अनप्राशन संस्कार इत्यादि। शान्तिकुंज में निशुल्क करवाये जाते हैं, भारतीय वैदिक culture के द्वारा।

 

9. विभिन्न त्योहार – सभी त्यौहारो में सभी लोग मिलकर चिंतन मनन करना, जिससे समाज में बुराई का नाश हो।

 

10. हेमाद्रि संकल्प – इसमें हमे कर्मफल और पुनर्जन्म के सिद्धांत को समझना होता हैं। ” जैसा बोओ- वैसा काटो ”

व्यक्तिगत दिनचर्या, जीवनचर्या

●क्या -कैसा? – क्या क्यों, कैसे, कहाँ, कब करें? – गायत्री मंत्र और यज्ञ का तत्वदर्शन। ( इस फैक्ट को हजार बार समझा और लाख बार समझाया जाना चाहिए कि मन: स्थिति ही सभी परिस्थितियों की जन्मदात्री हैं

 

● स्मरण, स्वीकार, अभ्यास और अनुभव करना।

 

●सब अपने और अपने को सबका मानने की आस्था उभरती और परिपक्व होती रहे।

 

● स्वस्थ शरीर , स्वच्छ मन, सभ्य समाज।

 

● जो जैसा सोचता हैं, और करता हैं, वह वैसा ही बन जाता हैं।

 

● आत्मिक प्रगति के चार चरण ( खुद का मूल्यांकन, आत्मसुधार, आत्मनिर्माण, आत्मविकास)

 

आपने इस पोस्ट में शान्तिकुञ्ज की दिनचर्या, जीवनचर्या, shantikunj daily routine के बारे में पढ़ा। साथ ही इस पूरी पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको इस बात का अनुभव हुआ होंगा, की अगर ये healthy lifestyle, life changing daily routine, good habits in hindi, हर आदमी अपने जीवन में implement कर दे, तो लोगो की किस्मत बदल सकती हैं। आपके इस संदर्भ में क्या विचार हैं? नीचे कमेंट बॉक्स में जवाब जरूर लिखे। अगर आप शान्तिकुन्ज से जुड़े हुए हैं, तो नीचे “जय गुरुदेव” जरूर लिखे। मुझे पढ़कर अच्छा लगेगा।

 

( शांतिकुंज हरिद्वार के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए ये पोस्ट पढ़े साथ ही गुरुजी की जीवनी और उनके कोट्स सदवाक्य भी पढ़े 🙏👇)

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2 thoughts on “शांतिकुंज हरिद्वार की दिनचर्या (जीवनचर्या) | Shantikunj dincharya | shantikunj daily routine”

  1. Routine ideal life style of Shanti kunj Haridwar is the best for forming a new history in the life style.

    Jai Gurudev.

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