चरक ऋषि के 20 निरोग जीवन जीने के सूत्र
इस पोस्ट में आज आप स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत महत्वपूर्ण जानकारी सीखेंगे, जो ऋषि चरक जी ने मानव जाति के कल्याण के लिए मानव शरीर पर गहरा अनुसंधान किया। और कुछ अमूल्य स्वास्थ्य सूत्र वे अपने ग्रंथो में लिखकर चले गये। महर्षि चरक के इस महान कार्यो को सम्पूर्ण विश्व ऋणी रहेंगा। भारत ऋषि-मुनियों का देश था, इसलिए इतना वैभवशाली, शक्तिशाली, और सुखी देश था। हमारे ऋषि कोई भी नया स्वास्थ्य सूत्र लिखते थे, तो पहले खुद के ऊपर टेस्ट करते थे, फिर लोगो को उपयोग करने को बोलते थे।
लेखक (Author) | Charaka Rishi |
जन्म (Born) | लगभग 300 ई.पू |
Country | भारत (india) |
Religion | हिन्दू (Hinduism) |
लोकप्रिय ग्रंथ | Charak Sanhita |
Pdf Book | online available |
महर्षि चरक का जीवन परिचय (Charak rishi biography in hindi)
भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा के जनक चरक ऋषि हैं। चरक जी के अनुसार आज भी आयुर्वेद में 40 औषधी ऐसी हैं, जो व्यक्ति को कोमा से बाहर ला सकती हैं। उल्टा अंग्रेजी चिकित्सा में एक भी दवाई ऐसी नही हैं। आयुर्वेद चिकित्सा पद्ति के तीन भाग हैं। उसमे से पहली पद्ति- जड़ी-बूटियो द्वारा चिकित्सा, पेड़-पौधों द्वारा चिकित्सा, फल-फूलो द्वारा चिकित्सा। इन सभी चिकित्सा का अविष्कार चरक ऋषि ने किया। इनका लिखा ग्रंथ ” चरक- संहिता “सबसे बड़ी आयुर्वेद की पुस्तक हैं। इस ग्रंथ में 120 पाठ और 8 स्थान हैं। इस पुस्तक को पढ़कर आपको भारतीय होने गर्व महसूस होंगा। क्योंकि इसमे 50-60 सालो का चरक ऋषि की रिसर्च का ज्ञान हैं। इसके अलावा आपको आयुर्वेद-दुनिया की गहरी समझ आपको हो जायेंगी। चरक ऋषि की विद्या तक्षशिला वर्तमान बिहार राज्य में हुई। वे वन-भ्रमण के दौरान बहुत सारे चिकित्सकों, राज-वेध और आयुर्वेद के जानकार लोगो के साथ बैठक करते थे, बहुत सारी चिकित्सा पर चर्चा कर उनका अनुभव लेते थे।
महर्षि चरक संहिता के 5 काम के स्वास्थ्य सूत्र
2. शरीर के स्वच्छता कार्य ( नाखून काटना, दाढ़ी- बनाना, बाल कटवाना ) सप्ताह में एक बार जरूर करें।
3. फलो को भोजन के साथ न लेकर अलग से खाये। भोजन के पहले खाये।
4. हर परिस्थिति में सदैव उत्साहित एंव प्रसन्न रहे। क्योंकी उत्साह का परिणाम – “सफलता” !! और निराशा का परिणाम आत्महत्या हैं !!
5. दिन में एक समय भोजन करने वाला आदमी सदा निरोग रहता हैं। दो बार भोजन करने वाला बलशाली बनता हैं। और एक दिन में तीन
समय भोजन करने वाला व्यक्ति सदा रोगी रहता है
महर्षि चरक के आयुर्वेद सूत्र
● ग्रीष्म ऋतु ( गर्मी में ) को छोड़कर दिन में कभी न सोये।
● गर्मियों के दिनों में भोजन करने के बाद आलस्य आये, तो 20-40 मिनट की झपकी ( नींद ) ले लीजिये। इससे अगले दिन आपको जबरदस्त उर्जा मिलेंगी। नींद लेने की मुद्रा;- जिस तरह भगवान विष्णु शेषनाग पर लेटते हुए नींद लेते हैं। ठीक उसी तरह दीवार पर तकिया लगाकर सो जाओ। तभी पूरा लाभ मिलेंगा।
● शाम को सोते समय मस्तिष्क उत्तर और पश्चिम दिशा की तरफ करने से मानसिक रोग होता हैं।
● भोजन करने से पहले और बाद में पेशाब अवश्य करें।
● नाखूनों को दांतो से ना काटे।
● आलस्य, विलासिता, तथा नींद को जितना बुलाएगें उतना नजदीक आयेंगे। अतः इनसे दूर रहें।
● देवता, गाय, ब्राह्मण, गुरुजन, आदर्श की पूजा एंव आदर-सत्कार करना चाहिए।
चरक ऋषि के बारे में 5 रौचक तथ्य
1. चरक संहिता संस्कृत भाषा में लिखा हुआ हैं। पर वर्तमान में यह ग्रंथ इतना लोकप्रिय हैं। की दुनिया की हर भाषा में इसे प्रकाशित कर दिया गया। यह एक संजीवनी बूटी हैं।
2. चरक ऋषि सिर्फ भारत ही नही पूरी दुनिया का भ्रमण किया, और जगह-जगह, जंगल-जंगल घूमकर रोगियों का इलाज किया। इसी कारण उनका नाम चरक पड़ा।
3. चरक संहिता में मनुष्य के सारे रोगों का स्वदेशी इलाज उपलब्ध हैं। बिना एक रुपया खर्च किये, दुनिया की भंयकर से भंयकर बीमारी की समस्या को जान सकते हो। रोग निवारण कर सकते हो।
4. चरक ऋषि इस दुनिया के सबसे महान, प्रसिद्ध और सबसे अच्छे चिकित्सक (डॉक्टर) हैं।
5. सबसे पहले आयुर्वेद के ऊपर अनुसंधान महर्षि चरक ने ही किया था। इसके बाद सुश्रुत ऋषि और वाग्भट्ट ऋषि ने आगे की चिकित्सा पद्ति का अविष्कार किया। वर्तमान में आप चरक ऋषि और अन्य भारतीय ऋषियों के ज्ञान को देश के आध्यात्मिक संगठनों द्वारा ही देख पा रहे हो। वरना यह सभी महान लोग जिनका मानवजाति के ऊपर बहुत बड़ा परोपकार किया हैं, यह लोग इतिहास के पन्ने में सिमट जाते।
FAQ सवाल जवाब
चरक संहिता के अनुसार दिनचर्या कैसी हो?
चरक संहिता के अनुसार हमारी दिनचर्या पूरी तरह आयुर्वेदिक होनी चाहिए। सबसे पहले ब्रह्म मुुहुुर्त मेेंं उठना। उसके बाद उषापान (जल चिकित्सा) के द्वारा एक लोटा पानी पीना ताकि शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाए। उसके बाद मल-मूत्र उत्सर्जन एंव दातुन आदि नित्यकर्म करें।
चरक संहिता में कुल कितने श्लोक है?
चरक सहिंता में कुल अध्याय : 120, कुल सूत्र 9295 एंव कुल श्लोक : 12000 इनमें से मात्र उपलब्ध श्लोक 9498 है। कुल टिकाये 41 है। यही नही चरक संहिता को आयुर्वेद का सबसे सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ भी कहा जाता है। महर्षि सुश्रुत के बाद चरक ऋषि का आयुर्वेद में बहुत बड़ा योगदान दिया था।
चरक संहिता किताब कहां से खरीदें?
यदि आप ओरिजिनल चरक संहिता संस्कृत भाषा में लिखित खरीदना चाहते हैं तो आपको भारत के आध्यात्मिक शहर (हरिद्वार, पुष्कर, वाराणसी, उज्जैन) की यात्रा करनी पड़ेगी। यहाँ पर आपको धार्मिक बुक स्टॉल पर Original Charak Sanhita Book मिल जायेगी। वही आप चरक संहिता हिंदी भाषा में खरीदना चाहते हैं तो आप अमेजन और अन्य ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से आसानी से खरीद सकते हैं।
चरक संहिता के अनुसार भोजन के नियम क्या है?
चरक संहिता के अनुसार भोजन का पहला नियम है भोजन बनने के पांच मिनट के अंदर अंदर उसे ले लिया जाए तो जठराग्नि तेज होने के कारण वो भोजन पच जाता है। दूसरा नियम शांति से एकाग्रचित्त होकर भोजन करने से भोजन शरीर के हर अंग में लगता है। तीसरा वही भोजन ले जो आपके लिए हितकारी हो।
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