हकलाने को कैसे ठीक करे? How to overcome stammering in hindi

हकलाने को कैसे ठीक करें? 

दोस्तो स्पीच प्रॉब्लम मतलब बात करते समय अटकना कोई बीमारी नही है। यह सिर्फ एक बेड हैबिट हैं। जिसको आप एक साल लगातार अभ्यास कर इसको खत्म कर सकते हो। अगर आप हकलाहट के कारण अपने जीवन में कुछ बड़ा नही कर पा रहे हो, तो यह बहुत गलत बात हैं। दुनिया और भारत में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत और अभ्यास कर हकलाहट पर विजय प्राप्त की। नीचे लिखी सारी बातों को अपनी आदत बनाकर, इन नियमो को जीवन में उतारने से आपको शत प्रतिशत सफलता मिलेगी। यह सब मेरा व्यक्तिगत अनुभव हैं।

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कैसे मेने अपनी 80% हकलाहट को खत्म किया (how i overcome stammering)

● हकलाहट को मेने अपना दोस्त बना दिया है, अब हकलाने पर मुझे खुद पर हँसी आती हैं। और मै खुल कर हँसता हूँ। लोग हँसते है, तो अब मुझे गुस्सा नहीं आता उल्टा अच्छा लगता हैं। इससे मै अभी किसी भी बड़े व्यक्ति से बिना झिझक बात कर सकता हूँ।
● दूसरा मुख्य कारण हैं, नोकरी से आजाद होना। इस बात में 100 प्रतिशत सच्चाई हैं, हकलाने वाला व्यक्ति अगर
जीवनभर नोकरी करता है,  तो उसकी हकलाहट की समस्या कभी दूर नही हो सकती क्योंकि जॉब वर्कप्लेस पर बहुत ज्यादा काम का तनाव रहता हैं। आप अपने शरीर के लिए  अतिरिक्त समय नही निकाल सकते।
● मोटिवेशन उत्साहवर्धन करने वाले वीडियो, प्रेरणादायक कहानियों को सुनने-देखने से अब मै आत्मविश्वास से भर गया हूँ।  अब मेरे लिए सबकुछ ” आसान…. हैं।

क्या हकलाहट एक बीमारी है या बुरी आदत? (stammering disease  in hindi)

क्या हकलाना एक बीमारी है? या फिर एक बुरी आदत?
मेरा उतर हैं- यह एक बुरी आदत हैं। जब मुझे भी हकलाहट की समस्या थी, तो पहले में इसको एक बीमारी ही मानता था, पर धीरे- धीरे जब इस पर गहरा रिसर्च किया तो मालूम पड़ा यह सिर्फ एक  बुरी आदत हैं। जब हमे पहली बार हकलाने का अहसास होता हैं, तो फिर हम हर समय किसी से बात करते वक्त यह सोचते है, की अगर में बात करते समय अटक गया, तो सुनने वाले लोग मेरा मजाक उड़ायेंगे।   हकलाना मेरी समस्या थी भी और नहीं भी। कभी मै इससे पूरी तरह मुक्त था और कभी लगता कि ये मेरे पूरे जीवन की सच्चाई हो। मेरे मन के भीतर कही अंदर बैठा था। डर शब्दों का, लोगो के हँसने का, अपने हकलाने से भी ज्यादा मुझे परेशान करता था वह थी लोगो की प्रतिक्रिया। काफी बड़ा होने तक भी मेने किसी को हकलाते हुये नही देखा था।  मुझे लगता था, की सिर्फ में ही हकलाता हूँ। मगर इस क्षेत्र में आने के बाद मुझे मालूम चला कि मै अकेला नही हूं।

योग से करे हकलाने को को खत्म yoga for stammering problem

जी बिल्कुल दोस्तो, आपकी हकलाहट को खत्म करने में

योग आपका पूरा साथ देंगा । मै अपने व्यक्तिगत अनुभव से यह बात आपको बोल सकता हूँ। मैं पिछले 2 साल से लगातार प्राणायाम और आसन का अभ्यास कर रहा हूँ। जिससे मेरी सांस लेने की क्षमता बढ़ गई है। आमतौर पर आपने देखा होंगा आप हकलाते हैं, तो आपकी श्वास  कम हो जाती हैं। अभी में आपको उन प्राणयाम और आसनो के नाम बताऊंगा, जो मैं खुद प्रतिदिन करता हूँ।

हकलाहट को कम करने के लिए प्राणायाम (pranayama for stammering)

● कपालभाति प्राणयाम
● अनुलोम विलोम प्राणायाम
● भस्रिका प्राणायाम
● उदगीत ॐ ऊँचारण प्राणायाम
● भ्रामरी प्राणायाम

हकलाहट को कम करने के लिए आसन yoga asanas for stuttering

● सूर्य नमस्कार
इस एक आसन के अंदर 12 आसन आते हैं
● प्रज्ञा योग
इस एक आसन के अंदर 22 आसन आते हैं

रितिक रोशन ने अपनी हकलाहट खत्म कैसे की (Hritik roshan stammering story in Hindi)

एक समय बॉलीवुड स्टार रितिक रोशन भी हकलाते थे। उनके डॉक्टरों ने तो यह तक कह डाला की तुम हीरो  नही बन सकते हैं। पर रितिक रोशन ने डॉक्टरों की बातो को दिमाग में न लेते हुये, हकलाहट खत्म करने का फैसला लिया, और उन्होंने कड़ी मेहनत और अभ्यास से उन्होंने इस बुरी आदत को खत्म किया।  आप ऋतिक रोशन का मोटिवेशनल वीडियो ” इम्पॉसिबल इज नथिंग” भी देख सकते हो। इस वीडियो से मेरे अंदर काफी सकारात्मक ऊर्जा भर दी, इस वीडियो में रितिक रोशन ने अपनी स्टेमरिंग जीवन यात्रा के बारे में बताया हैं। किस तरह उन्होंने इसका दर्द झेला, एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया की मैं, आज भी रोज 1 घंटा ककहरा (एबीसीडी) शब्दों को सही बोलने का अभ्यास करता हूँ। इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया, रितिक ने कहा एक बार जब मै, दुबई गया था, तो वहाँ स्टेज पर मुझे हेलो दुबई.. बोलना था, उस दो शब्दों को बोलने के लिए मैने अपने आप को एक अलमारी में बंद कर दिया, और इसको बोलने का अभ्यास किया, और में सफलभी रहा। तो देखा दोस्तो यह वही इंसान है, जिसको कभी हकलाहट की समस्या थी, और आज रितिक रोशन भारत के पाँच सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाले अभिनेताओ में तीसरे नंबर पर हैं। भारत के सबसे अच्छे डांसर हैं, एक मोटिवेशनल स्पीकर हैं, भारत के यूथ आइकॉन हैं। निष्कर्ष यह निकलता हैं, बहाना बनाना छोडो और मेरी बताई सारी बातो को फॉलो करके मेरी तरह हकलाहट-मुक्त जीवन व्यापन करो।

मेडिटेशन से करे हकलाने की समस्या को दूर

नियमित मेडिटेशन का अभ्यास करके आप अपने गुस्से को दूर कर सकते हैं। मेडिटेशन करने से आप डिप्रेशन, स्ट्रेस से हमेशा दूर रहते है। मेडिटेशन मन में आ रहे गलत विचारो को रोकने की कला है। ध्यान हमारे ऋषि-मुनि वह दुनिया के सभी महान लोगो ने किया हैं। कई ऋषि कई घण्टो तक ध्यान मुद्रा में लीन रहते थे। इसीलिए वो इतने शांत स्वभाव के होते थे। इसके अलावा मेडिटेशन फाइनेंशल सक्सेस की कुंजी भी है। क्योंकि जब आपके विचार शून्य होंगे, तभी तो आप अपने लक्ष्य के कार्य पर ऐक्शन ले पाओंगे। जब आप एक-दो महीने लगातार मेडिटेशन करने का अभ्यास शुरू कर दोंगे, तो आप में गजब के बदलाव आयेंगे। आप चाहकर भी किसी इंसान का बुरा नही सोच सकते, आप चाहकर भी किसी इंसान पर गुस्सा नही सकते हैं। यह हैं, मेडिटेशन की ताक़त। मेडिटेशन करने का सही समय सुबह ब्रह्ममुहूर्त का हैं, उस समय पूरा वातावरण शांत रहता हैं।  इससे आपका मन इधर-उधर नही भटकता हैं। मेडिटेशन की शुरुआत करने से पहले दस बार गहरी सांस  जरूर ले। उसके बाद अपने जैसे विचार आये आने दो, आपको बस शांत होकर बैठ जाना हैं। सासों की गति सामान्य चलने दे। आप चाहे तो कान में रुई या

मेडिटेशन इअर प्लग  भी लगा सकते हैं। इससे बाहर की आवाज आपके कानो में नही पड़ेंगी,  और आप मेडिटेशन का पुरा लाभ उठा पायेंगे।

How to stop stammering permanently in Hindi

हिंदी में इसका मतलब है : हकलाहट की समस्या को हमेशा के लिए खत्म कैसे करे। इसका जवाब आपको दो हिस्से में मिलेगा। पहला ये की आप उन लोगो के बारे में नेट पर पता लगाएं जिनको पहले स्टेमरिंग की प्रॉब्लम थी और अब नही है। आप मेरे बारे में भी इंटरनेट पर खोज सकते हैं की मैं कौन हूँ। दूसरा जवाब यह है की मैने कुल 17 साल तक इस हकलाहट की समस्या को झेला और आज मैं पूरी तरह हकलाहट मुक्त हूँ। ये सब मैने कैसे किया? इसका राज मैने कुल दो पोस्ट आर्टिकल में डाला है। पहला आर्टिकल तो आप अभी पढ़ रहे हैं और दूसरा लेख पोस्ट के End Point के नींचे ‘मेरी हकलाहट की कहानी’  शीर्षक नाम से है। उस पर क्लिक करके वो पोस्ट भी पढ़े। मैं दावे के साथ कह सकता हूँ। की दुनिया की कोई ताकत आपको इस हकलाहट की बीमारी को खत्म करने से नही रोक सकती।

FAQ सवाल जवाब

हकलाहट का अर्थ क्या है?

किसी भी उम्र का व्यक्ति चाहे वो छोटा बच्चा हो, बूढ़ा हो या फिर कोई पुरुष-महिला यदि वे बात करते समय अटकते है डरते-डरते बात करते हैं उनके मुँह से शब्द बहुत देर बाद निकलते हैं तो इसका मतलब उन्हें हकलाहट की समस्या है। अंग्रेजी में इसे ‘स्टेमरिंग’ कहते हैं और हिंदी में हकलाना। यही इसकी सटीक परिभाषा, Meaning और अर्थ है। बात करते समय जुबान अटकना।

हकलाहट की होम्योपैथिक दवा का नाम बताइए

हकलाहट में होम्योपैथी से लेकर विश्व की किसी भी चिकित्सा पद्धति में कोई दवा अभी तक नही बनी है इसका कारण यह है कि5ये कोई बीमारी है ही नही। इसका इलाज सिर्फ और सिर्फ अपने डर को जीतना है और दुनिया के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना है। जब पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनते हैं तो आपका डर खत्म हो जाता है और इसी के साथ आपकी हकलाहट भी।

नीचे दी हुई , मेरी 17 साल की हकलाहट यात्रा (my full stammering story)  के कुछ अनुभव जरूर पढ़ें। यह मेरी कहानी आपकी हकलाहट को खत्म करके ही मानेगी।

अभी पढ़े ⇒ मेरी हकलाहट की कहानी

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